भाजपा का आरोप: चेन्नई कॉर्पोरेशन के 4,000 करोड़ रुपए के टेंडर एक्सटेंशन में हुआ बड़ा 'स्कैम'

खबर सार :-
चेन्नई कॉर्पोरेशन का टेंडर एक्सटेंशन भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार का संकेत माना जा रहा है। अन्नामलाई का आरोप है कि यह एक सोची-समझी योजना के तहत एक विशेष कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। उन्होंने मांग की है कि इस टेंडर को तुरंत रद्द किया जाए और जांच की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सके।

भाजपा का आरोप: चेन्नई कॉर्पोरेशन के 4,000 करोड़ रुपए के टेंडर एक्सटेंशन में हुआ बड़ा 'स्कैम'
खबर विस्तार : -

Big Scam: भारतीय जनता पार्टी के नेता के. अन्नामलाई ने चेन्नई के ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन पर आरोप लगाया है कि उसने 4,000 करोड़ रुपए के कचरा कलेक्शन कॉन्ट्रैक्ट के लिए टेंडर की डेडलाइन को अवैध तरीके से बढ़ा दिया। उनका कहना है कि यह कदम एक विशेष कंपनी को फायदा पहुंचाने और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। अन्नामलाई ने मांग की है कि यह टेंडर तुरंत रद्द किया जाए और इस मामले की पूरी जांच की जाए।

कचरा कलेक्शन कॉन्ट्रैक्ट का विवाद

ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने जुलाई में टोंडियारपेट और अन्ना नगर क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए बोली आमंत्रित की थी। यह 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट लगभग 4,000 करोड़ रुपए का था। अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि कॉर्पोरेशन ने 21 नवंबर को टेंडर की डेडलाइन बढ़ा दी, जबकि आधिकारिक समयसीमा 20 नवंबर को समाप्त हो चुकी थी। इस बदलाव के बाद, एक नई कंपनी को टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिला, जिससे पहले से बिड करने वाली तीन कंपनियों को नुकसान हुआ।

डेडलाइन बढ़ाने पर सवाल

अन्नामलाई का कहना है कि यह टेंडर एक्सटेंशन भ्रष्टाचार का संकेत है, क्योंकि यह विशेष कंपनी के लिए अनुकूल था, जो टेंडर की समाप्ति के बाद सिस्टम में शामिल हुई। उनका दावा है कि डेडलाइन बढ़ाने से पहले तीन कंपनियों की बिड के बारे में जानकारी हो चुकी थी, और इस समय में बदलाव से प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठता है। अन्नामलाई ने इसे सरकारी नियमों और पब्लिक कॉन्ट्रैक्ट्स की पारदर्शिता के खिलाफ करार दिया।

कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई से सरकार की छवि खराब होती है और यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया गया और 4,000 करोड़ रुपए के इस टेंडर में गड़बड़ी करने का रास्ता खोला गया। अन्नामलाई ने चेन्नई निगम से इस टेंडर को रद्द करने की मांग की है और उन अधिकारियों की पहचान करने की अपील की है जिन्होंने इस डेडलाइन एक्सटेंशन के फैसले को मंजूरी दी।

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