Parliament Monsoon Session Date Declared: 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा संसद का मानसून सत्र, तारीख तय

खबर सार :-
संसद का आगामी मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा, जो कि 12 अगस्त तक चलेगा। संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मॉनसून सत्र की तारीखों से संबंधित प्रस्ताव तैयार कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया है। सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त के बीच बुलाने की बात कही गई है।

Parliament Monsoon Session Date Declared: 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा संसद का मानसून सत्र, तारीख तय
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विपक्षी पार्टियों की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग स्वीकार कर ली है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने संसद के आगामी मानसून सत्र की तिथि घोषित कर दी है, जिसके तहत 21 जुलाई से 12 अगस्त के मध्य सत्र चलेगा। संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मॉनसून सत्र की तारीखों से संबंधित प्रस्ताव राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। 

मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव, युद्ध के हालात, ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों की तबाही के बाद सीज फायर के हालातों पर चर्चा के लिए विपक्ष के 16 राजनीतिक दलों की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग लिखित रूप में की गई थी। अब विपक्षी दलों की उस मांग से जुड़ी संसद के आगामी मॉनसून सत्र की तारीख सामने आ गई है। संसद का आगामी मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा, जो कि 12 अगस्त तक चलेगा। संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मॉनसून सत्र की तारीखों से संबंधित प्रस्ताव तैयार कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया है। सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त के बीच बुलाने की बात कही गई है। अब चूंकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कोई पहला सत्र होने जा रहा है, तो इस सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। 

नियमों के तहत चर्चा के लिए सरकार तैयार

मोदी सरकार का कहना है कि संसद के आगामी मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष अगर नियमों के तहत चर्चा की मांग करता है, तो हम पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार हैं। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी सत्र के दौरान सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की भी तैयारी में है। गौरतलब है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने को लेकर सरकार किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहती है। सरकार विपक्षी दलों को भरोसे में लेना चाहती है। जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में विपक्षी दलों से बात करने की जिम्मेदारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को सौंपी गई है। वो इस मुद्दे पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके के नेताओं से बातचीत कर चुके हैं। इसके अलावा अन्य दलों के नेताओं से बातचीत जारी है। इसलिए माना जा रहा है कि अगले सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है।

अन्य प्रमुख खबरें