Nishikant Dubey: भाजपा फायर ब्रांड नेता व गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ विवादित बयान देकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया दिया है। हालांकि पार्टी ने भी निशिकांत दुबे के विवाद बयान से किनारा कर लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने निशिकांत दु और यूपी के पूर्व डिप्टी दिनेश शर्मा की टिप्पणी को उनका निजी विचार बताकर पल्ला झाड़ लिया।
उधर AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी के बाद भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। ओवैसी ने भी निशिकांत दुबे की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। एएनआई ने ओवैसी के हवाले से कहा, 'आप लोग (बीजेपी) ट्यूबलाइट हैं... कोर्ट को इस तरह धमका रहे हैं...
क्या आपको पता है कि (अनुच्छेद) 142 (संविधान) क्या है?, इसे बीआर अंबेडकर ने बनाया था... भाजपा धोखा दे रही है और धार्मिक युद्ध की धमकी दे रही है... आप लोग सत्ता में हैं और आप इतने कट्टरपंथी हो गए हैं कि आप कोर्ट को धार्मिक युद्ध की धमकी दे रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'मोदी जी, अगर आप इन लोगों को नहीं रोकेंगे तो देश कमजोर हो जाएगा। देश आपको माफ नहीं करेगा और कल आप सत्ता में नहीं रहेंगे।
विपक्ष ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दुबे के बयान की निंदा करते हुए कहा, 'बीजेपी न्यायपालिका को कमजोर करने में लगी हुई है। संविधान द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी गई शक्तियों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। संवैधानिक पदों पर बैठे लोग, मंत्री और यहां तक कि भाजपा सांसद भी सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोल रहे हैं।'
जेपी नड्डा ने शनिवार देर रात एक्स कहा, "भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा न्यायपालिका और देश के मुख्य न्यायाधीश को लेकर दिए गए बयान पूरी तरह निजी हैं। भाजपा न तो इन बयानों से सहमत है और न ही ऐसे किसी बयान का समर्थन करती है। पार्टी इन बयानों को सिरे से खारिज करती है।"
नड्डा ने कहा कि देश की अदालतें, खासकर सुप्रीम कोर्ट लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ हैं और संविधान की रक्षा का आधार हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने दोनों सांसदों को भविष्य में ऐसे बयान न देने की हिदायत दी है। उन्होंने सभी पार्टी नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह भी दी है। इस घटना के बाद भाजपा ने साफ संकेत दिया है कि वह संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर है।
बता दें कि झारखंड के गोड्डा से चार बार के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के संदर्भ में विवादित बयान देकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। उन्होंने पहले सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर शीर्ष अदालत को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर भी कटाक्ष किया। वहीं यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि कोई भी संसद या राष्ट्रपति को निर्देश नहीं दे सकता।
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