Amit Shah Varanasi Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार से मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए काशी के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत चार राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। गृह मंत्री शाम करीब 6 बजे वह बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। जहां सीएम योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे। इसके वह सड़क मार्ग से बाबा कालभैरव के दर्शन करने जाएंगे। उधर अमित शाह के वाराणसी दौरे के सियासी मायने भी निकाले जाने लगे है।
बता दें कि 25वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक पहली बार काशी में हो रही है। इस बैठक में अमित शाह के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय भी शामिल होंगे। सोमवार शाम लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर चारों राज्यों के मुख्यमंत्री अमित शाह का स्वागत करेंगे। साथ ही सभी अतिथि काशी कोतवाल काल भैरव और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। इसके बाद सीएम योगी द्वारा आयोजित रात्रि भोज में भी शामिल होंगे।
दरअसल मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक 24 जून को सुबह करीब 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक ताज होटल में प्रस्तावित है। बैठक में चारों राज्यों के मुख्य सचिव और नीति आयोग के साथ अंतरराज्यीय परिषद के प्रतिनिधियों समेत कई गणमान्य लोग भी शामिल होंगे। बैठक में सुरक्षा और विकास समेत कई अहम बिंदुओं पर चर्चा होगी।
अमित शाह का यह दौरा कई मायनों में अहम है। देश की पांच क्षेत्रीय परिषदों में से एक मध्य क्षेत्रीय परिषद में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य शामिल हैं। इन राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस परिषद का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के बीच समन्वय स्थापित करना है, जो क्षेत्रीय विकास और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
उधर गृह मंत्री अमित शाह के वाराणसी आगमन पर भारतीय जनता पार्टी ने भी काशी की परंपरा के अनुरूप उनके स्वागत की तैयारी की है। गृह मंत्री का 11 स्थानों पर स्वागत किया जाएगा। इस दौरान ढोल-नगाड़ों और शंखनाद के साथ पुष्पों की वर्षा की जाएगी।
गृह मंत्री और मुख्यमंत्रियों के दौरे को देखते हुए वाराणसी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस उपायुक्त (अपराध) सरवनन टी. ने बताया कि मंदिरों के रूट और बैठक स्थल पर विशेष ध्यान दिया गया है। यातायात और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) की दस कंपनियां तैनात की गई हैं।
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