कभी सपने में आते थे भगवान कृष्ण, अब गौशालाओं से आती है दुर्गंध, अखिलेश के बयान भड़की BJP

Summary : Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेता इन दिनों अपने बयानों को लेकर विवादों में हैं।

Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेता इन दिनों अपने बयानों को लेकर विवादों में हैं। राणा सांगा पर टिप्पणी को लेकर कई दिनों से सियासत गरमाई हुई है। इस बीच अखिलेश यादव के गौशाला और दुर्गंध वाले बयान पर नया विवाद खड़ा हो गया। अखिलेश यादव द्वारा दिए गए 'गौशाला की दुर्गंध' बनाम 'इत्र की खुशबू' वाले बयान को लेकर भाजपा ने पलटवार किया है।

बता दें कि कभी भगवान कृष्ण अखिलेश यादव के सपने में आते थे। वो यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान खुद कहते थे भगवान कृष्ण उनके सपने में रोज आते हैं और कहते हैं कि प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ। अब अखिलेश यादव को गायों और गौशाला से दुर्गंध आ रही है।

Akhilesh Yadav:  बीजेपी का पलटवार

अखिलेश के गौशालाओं की दुर्गंध वाले बयान पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने पलटवार करते हुए कहा - 'राणा सांगा का अपमान करने के बाद अब सपा और अखिलेश यादव ने हिंदू आस्था का अपमान करते हुए कहा- गाय और गौशाला से दुर्गंध फैलती है। इसलिए हम इत्र पार्क बनाते हैं। श्रीकृष्ण को स्वयं गोपाल कहा जाता है, जिन्हें गायों से दिव्य प्रेम था और उनकी रक्षा और देखभाल करते थे।' अखिलेश को घेरते हुए शहजाद पूनावाला ने कहा- 'यह शर्मनाक है कि वोट बैंक के तुष्टिकरण के लिए कोई कितना नीचे गिर सकता है।'

अखिलेश यादव का विवादित बयान

बता दें कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के भाजपा गौशाला से दुर्गंध फैला रही है जबकि उनकी पार्टी इत्र से खुशबू फैला रही है। दरअसल  पिछले दिनों कन्नौज में अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा वालों को दुर्गंध पसंद है, इसलिए वे गौशाला बनवा रहे हैं। हमें खुशबू पसंद है, इसलिए हम इत्र पार्क बनवा रहे हैं। यूपी सरकार सांड पकड़ रही है या नहीं? यह तो सरकार ही जाने, लेकिन इसके लिए जो पैसा आ रहा है, उसे भी वे खा जा रहे हैं।

गौमाता पर टिप्पणी नहीं की जाती

अखिलेश के बयान पर भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, 'इत्र  पार्क बनाने के साथ-साथ इत्र  घोटाला भी हुआ है। गौशाला में दुर्गंध और खुशबू क्यों ढूंढ रहे हो। गौशाला में सनातन की आस्था ढूंढो... ये गौमाता है और माता पर टिप्पणी नहीं की जाती।'

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