नई दिल्ली: एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सीलिएक रोग (आंतों की एक ऑटोइम्यून बीमारी) के इलाज के लिए विकसित की गई दवा 'लाराजोटाइड' कोविड-19 के बाद बच्चों में होने वाले गंभीर पोस्ट-कोविड सिंड्रोम (MIS-C) के इलाज में भी मददगार साबित हो सकती है। यह शोध 'साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक आशाजनक दिशा दिखाता है।
कोविड-19 के मामले बच्चों में अपेक्षाकृत कम होते हैं, लेकिन कुछ बच्चों में यह मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) का कारण बन सकता है। MIS-C एक गंभीर स्थिति है, जिसमें तेज बुखार, पेट की समस्याएं और हृदय को नुकसान जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। शोध में पाया गया कि लाराजोटाइड दवा ने इन लक्षणों को कम करने और बच्चों को सामान्य जीवन की ओर जल्दी लौटने में मदद की।
मास जनरल ब्रिघम अस्पताल के सिस्टिक फाइब्रोसिस सेंटर की सह-निदेशक और प्रमुख शोधकर्ता लाएल योनकर ने कहा, “हमारा अध्ययन भले ही छोटा हो, लेकिन इसके परिणाम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल MIS-C बल्कि लॉन्ग कोविड के इलाज में भी मददगार हो सकता है।” उन्होंने यह भी बताया कि लाराजोटाइड एक सुरक्षित दवा है, जो बच्चों में MIS-C के लक्षणों को जल्दी कम करती है और उन्हें ठीक करने में प्रभावी साबित होती है।
वर्तमान में MIS-C के इलाज के लिए उपलब्ध विकल्प बहुत सीमित हैं। कई मामलों में सामान्य सूजन-रोधी दवाएं दी जाती हैं, लेकिन जब ये दवाएं बंद हो जाती हैं, तो लक्षण फिर से उत्पन्न हो सकते हैं। इन दवाओं का प्रभाव वायरस के कणों पर नहीं होता है, जबकि लाराजोटाइड एक मौखिक दवा है जो आंतों की दीवार को मजबूत करती है और वायरस कणों को रक्त में प्रवेश करने से रोकती है।
अध्ययन के दौरान 12 बच्चों पर डबल-ब्लाइंड क्लिनिकल ट्रायल किया गया, जिसमें उन्हें 21 दिनों तक रोज चार बार लाराजोटाइड या प्लेसिबो दिया गया। शोधकर्ताओं ने छह महीने तक इन बच्चों की निगरानी की। लाराजोटाइड लेने वाले बच्चों में पेट के लक्षण जल्दी ठीक हुए, वायरस कण तेजी से समाप्त हुए और वे जल्दी सामान्य जीवन में लौटे। यह अध्ययन यह दर्शाता है कि सीलिएक रोग के इलाज में उपयोग होने वाली लाराजोटाइड दवा अब एक नई दिशा में उपयोगी साबित हो सकती है, खासकर उन बच्चों के लिए जो कोविड-19 के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह शोध आने वाले दिनों में MIS-C और लॉन्ग कोविड के इलाज में एक अहम भूमिका निभा सकता है।
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