Renewable Energy: भारत ने 2025 में अब तक जोड़ी 30 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता: प्रल्हाद जोशी

खबर सार :-
भारत सरकार के प्रयासों की वजह से रिन्युएबल एनर्जी की क्षमता लगातार बढ़ रही है। ऊर्जा मंत्रालय ने 2030 तक 500 गीगावाट क्षमता का लक्ष्य हासिल करने के लिए एक बड़ी ट्रांसमिशन योजना बनाई है, जिसमें राज्यों की तरफ से विशेष सहयोग हासिल करने की अपील की गई है।

Renewable Energy: भारत ने 2025 में अब तक जोड़ी 30 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता: प्रल्हाद जोशी
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: केंद्रीय न्यू एवं रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हाल ही में घोषणा की कि भारत ने 2025 में अब तक 30 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित की है। उनका मानना है कि इस साल के अंत तक यह आंकड़ा 43 गीगावाट तक पहुंच सकता है। यह जानकारी मंत्री जोशी ने एक कार्यक्रम के दौरान दी, जिसमें उन्होंने देश की प्रगति को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण साझा किया।

हरित ऊर्जा क्षेत्र में निरंतर विकास और निवेश को बढ़ावा

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के मुताबिक, जनवरी से जून 2025 के बीच देश ने लगभग 22 गीगावाट सौर और पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित की, जिससे यह आंकड़ा 30 गीगावाट तक बढ़ चुका है। यह प्रगति भारत की हरित ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे निरंतर विकास और निवेश को दर्शाती है। उनके अनुसार, भारत के पास अब 226 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता है, और सरकार इस वृद्धि के साथ 2030 तक 500 गीगावाट की स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

सरकार ने जारी किया टेंडर

प्रल्हाद जोशी ने आगे बताया कि सरकार ने 67.08 गीगावाट की परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, जबकि 186.3 गीगावाट की परियोजनाएं इस समय निर्माणाधीन हैं। यह परियोजनाएं विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे कि सौर और पवन ऊर्जा, से संबंधित हैं और भारत के हरित ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने में मदद करेंगी। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर देश की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में एक बड़ा इजाफा होगा।

बिजली बिक्री में हो रहे समझौतों पर सरकार की नजर

सरकार को उम्मीद है कि यह विकास दर भारतीय ऊर्जा क्षेत्र को 2030 तक विश्व स्तर पर एक प्रमुख स्थान दिलाने में मदद करेगी। इस संबंध में उन्होंने यह भी बताया कि बिजली बिक्री समझौतों (पीएसए) में हो रही देरी को लेकर सरकार सक्रिय रूप से कदम उठा रही है। इसके साथ ही, मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों की दक्षता को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि देश में रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन और वितरण में कोई रुकावट न आए।

500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता

भारत सरकार के इस प्रयास से न केवल रिन्यूएबल एनर्जी का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि देश के पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। 500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता प्राप्त करने से भारत अपने ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा और वैश्विक जलवायु परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगा।

निवेश को मिलेगा बढ़ावा

इस दिशा में सरकार की योजनाओं को देखते हुए, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और भारत वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरने की संभावना रखता है। इसके अतिरिक्त, यह कदम भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थिर बिजली उपलब्ध कराएगा, जिससे देश में आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।

रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 43 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद

भारत ने 2025 के पहले छह महीनों में 30 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित की है और इस वर्ष के अंत तक यह 43 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। सरकार का उद्देश्य 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित करना है, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। जोशी ने आगे कहा कि ऊर्जा मंत्रालय ने 2030 तक 500 गीगावाट क्षमता के एकीकरण को सुगम बनाने के लिए एक बड़ी ट्रांसमिशन योजना बनाई है, जिसमें  रिन्यूएबल एनर्जी वाले राज्यों पर विशेष जोर दिया गया है।

एचएसबीसी की रिपोर्ट

एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बिजली क्षेत्र में जुलाई में मजबूत नीतिगत प्रोत्साहनों के कारण क्षमता में वृद्धि देखी गई, जिससे 2 गीगावाट पारंपरिक और 3.2 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में वृद्धि हुई। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 26 में 11.7 गीगावाट ताप विद्युत, 3.8 गीगावाट जल विद्युत और 36 गीगावाट सौर ऊर्जा को सर्विस में लगाया जाएगा।  कुल बिजली की मांग अगस्त में सालाना आधार पर 4.4 प्रतिशत और जुलाई से 2 प्रतिशत बढ़ी है।

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