BIS INTERNSHIP:  भारतीय मानक ब्यूरो 500 छात्रों को करवाएगा इंटर्नशिप

Summary : भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 2025-26 के लिए मानकीकरण के क्षेत्र में अपने साझेदार संस्थानों के 500 छात्रों को इंटर्नशिप का मौका देने की घोषणा की है। यह प्रस्ताव 4 साल के डिग्री कोर्स, 5-साल के इंटीग्रेटेड डिग्री कोर्स, पोस्टग्रेजुएट डिग्री और डिप्लोमा प्

नई दिल्लीः उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इंटर्नशिप से जुड़े मामले में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है, जिसके अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 2025-26 के लिए मानकीकरण के क्षेत्र में अपने साझेदार संस्थानों के 500 छात्रों को इंटर्नशिप का मौका देने की घोषणा की है। यह प्रस्ताव 4 साल के डिग्री कोर्स, 5-साल के इंटीग्रेटेड डिग्री कोर्स, पोस्टग्रेजुएट डिग्री और डिप्लोमा प्रोग्राम कर रहे छात्रों के लिए होगा। 

8 सप्ताह की इंटर्नशिप का मिलेगा मौका

मंत्रालय के मुताबिक छात्रों को 8 सप्ताह की इंटर्नशिप का मौका दिया जाएगा, जिसमें दो प्रमुख उद्योगों में पूर्व-मानकीकरण कार्य को लेकर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। छात्रों को कोई भी प्रोडक्ट बनाने की विधि और जांच करने की प्रक्रिया, रॉ मटेरियल, उत्पादन की प्रक्रिया को नियंत्रण में रखने और उत्पाद की गुणवत्ता से जुड़े दूसरे पहलुओं पर विस्तृत अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में बीआईएस मानकीकरण अध्यक्षों और एमओयू भागीदार संस्थानों की नोडल फैकल्टी के वार्षिक सम्मेलन में 15 संस्थानों के पाठ्यक्रम में मानकीकरण मॉड्यूल को भी शामिल किया गया है, जबकि 130 से अधिक शोध और विकास परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। मंत्रालय की मानें तो अब तक 50 से अधिक संस्थानों ने बीआईएस कॉर्नर और अकादमिक डैशबोर्ड स्थापित किए हैं। 52 संस्थानों में कुल 198 मानक क्लब बनाए गए हैं।

साझा राष्ट्रीय मिशन के रूप में हो रहा काम

इस संबंध में बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि यह साझेदारी शिक्षा जगत में गुणवत्ता और मानकीकरण की संस्कृति को समाहित करने के लिए एक साझा राष्ट्रीय मिशन के रूप में काम कर रही है। मानकीकरण के उप महानिदेशक राजीव शर्मा ने संस्थानों को कार्रवाई से जुड़े सहयोग को बढ़ावा देने और देश के क्वालिटी इकोसिस्टम में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस सम्मेलन में करिकुलम इंटीग्रेशन, मानक निर्माण, मानक क्लबों के माध्यम से छात्र जुड़ाव और दूसरी प्रचार गतिविधियों पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए हैं। एक खुले मंच पर आयोजित चर्चा में, भागीदार संस्थानों ने अकादमिक सहयोग के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और अभिनव मॉडलों को साझा किया है।
 

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