Trump Tariff Impact: अमेरिकी ट्रेड टैरिफ की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट

खबर सार :-
अमेरिकी ट्रेड टैरिफ की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में दबाव बना हुआ है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति जल्द ही सुधर सकती है और निवेशक गिरावट के बीच बाजार में चुनिंदा शेयरों पर नजर बनाए रखें।

Trump Tariff Impact: अमेरिकी ट्रेड टैरिफ की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट
खबर विस्तार : -

मुंबई: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में हलचल मच गई और बाजार लाल निशान में खुला। सुबह 9:27 बजे, सेंसेक्स 487 अंक की गिरावट के साथ 80,994 पर और निफ्टी 140 अंक की गिरावट के साथ 24,717 पर था। इस गिरावट के चलते मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का दबाव देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 457 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 100 अंक नीचे थे।

निर्यातकों के सामने चुनौतियां

भारतीय निवेशकों के लिए यह खबर अहम बन गई, क्योंकि अमेरिकी टैरिफ की घोषणा ने भारतीय निर्यातकों के लिए संभावित चुनौतियों को जन्म दिया है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि अगस्त के मध्य में शुरू होने वाली बातचीत के बाद टैरिफ दर 25 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत या उससे भी कम हो सकती है।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ दर अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा हैं, और यह ट्रंप की रणनीति का हिस्सा हो सकती है, जिससे भारत से अन्य क्षेत्रों में बेहतर सौदे हासिल किए जा सकें।

इन सेक्टर्स में दिखा गिरावट का असर

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का असर विभिन्न सेक्टर्स पर पड़ा है। घरेलू बाजार में सबसे ज्यादा गिरावट ऑटो, एनर्जी, फार्मा, पीएसयू बैंक, मेटल, फाइनेंशियल सर्विसेज और रियल्टी सेक्टर में देखी गई। वहीं, सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), भारती एयरटेल, रिलायंस, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टाइटन, एसबीआई, टीसीएस और आईसीआईसीआई बैंक टॉप लूजर्स में शामिल थे। जबकि, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, इटरनल, आईटीसी और एचयूएल टॉप गेनर्स के रूप में सामने आए।

अमेरिकी ट्रेड नीति और भारतीय अर्थव्यवस्था

बाजार विश्लेषकों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने 30 जुलाई को लगातार आठवें सत्र में बिकवाली का सिलसिला जारी रखते हुए 850 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) ने लगातार 18वें सत्र में खरीदारी की गति बनाए रखते हुए 1,829 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, क्योंकि उन्हें अमेरिकी ट्रेड नीति के संभावित प्रभाव और घरेलू अर्थव्यवस्था के अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि गिरावट के बावजूद निफ्टी के 24,500 के स्तर से नीचे जाने की संभावना कम है, और इस पर निवेशक कुछ प्रमुख घरेलू सेक्टरों में निवेश कर सकते हैं।

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