RBI Repo Rate: नहीं कम होगी आपके लोन की EMI, आरबीआई ने नहीं घटाया रेपो रेट

खबर सार :-
RBI Repo Rate: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को रेपो दर को 5.50% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया। यह निर्णय बाज़ार और अर्थशास्त्रियों की अपेक्षाओं के पूरी तरह अनुरूप था। RBI ने अपनी मौद्रिक नीति के रुख को तटस्थ स्तर पर बनाए रखा, जिससे संकेत मिलता है कि भविष्य में न तो अचानक दरों में वृद्धि और न ही दरों में कटौती की संभावना है।

RBI Repo Rate: नहीं कम होगी आपके लोन की EMI, आरबीआई ने नहीं घटाया रेपो रेट
खबर विस्तार : -

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में बड़ा फैसल सुनाया। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ​​ने बड़ा ऐलान करते हुए रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा और मौद्रिक नीति के रुख को तटस्थ बनाए रखा। रेपो दर के अलावा, केंद्रीय बैंक ने स्थायी जमा सुविधा (SDF) को 5.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा, जबकि सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) को 5.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।

RBI Repo Rate: नहीं बढेगी आपकी EMI

इससे साफ है कि कर्ज लेने वाले लोगों पर अतिरिक्‍त बोझ नहीं पड़ेगा। यानी होम लोन, कार लोन समेत अन्‍य कर्ज की मासिक ईएमआई (EMI) नहीं बढ़ेगी। आरबीआई का ये फैसला मार्केट की उम्मीदों के मुताबिक ही रहा। इससे पहले, अगस्त की MPC बैठक में भी RBI ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखा था। 2025 की शुरुआत से, केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में 1 प्रतिशत की कटौती की थी, जिसमें फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत की कटौती शामिल है। दरअसल रेपो रेट वह ब्याज दर होती है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक देश के बैंकों को शॉर्ट-टर्म के लिए कर्ज देता है।

आर्थिक विकास को मिली गति 

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अच्छे मानसून के कारण मुद्रास्फीति में कमी आ रही है। GST में कटौती से आर्थिक विकास को गति मिली है। हालांकि, टैरिफ के कारण निर्यात को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान अगस्त के 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया है। 

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 फीसदी कर दिया गया है। आरबीआई ने आगे अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रह सकती है।

चौथी तिमाही में GDP दर 6.2% पहुंचने की उम्मीद

इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा, केंद्रीय गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि की गति जारी रहेगी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।

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