FPI Investment Increased: भारत में एफपीआई ने की रिकॉर्ड 8,831 करोड़ की खरीदारी

खबर सार :-
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार मई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी मार्केट और बॉन्ड मार्केट में कुल 30,950 करोड़ का इनवेस्टमेंट किया है। इसमें एफपीआई ने 19,860 करोड़ रुपए इक्विटी मार्केट में इनवेस्ट किए हैं।

FPI Investment Increased: भारत में एफपीआई ने की रिकॉर्ड 8,831 करोड़ की खरीदारी
खबर विस्तार : -


नई दिल्लीः भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही है। इस कारण विदेशी निवेशकों की रुचि भारतीय बाजार में तेजी से बढ़ रही है। फॉरेन इनवेस्टर्स ने भारतीय इक्विटी और डेट मार्केट में इस साल मई में 30,000 करोड़ रुपए से अधिक का इनवेस्टमेंट किया है। इस वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिली है।

एनएसडीएल के आंकड़ों में एफपीआई इनवेस्टमेंट

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार मई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी मार्केट और बॉन्ड मार्केट में कुल 30,950 करोड़ का इनवेस्टमेंट किया है। इसमें एफपीआई ने 19,860 करोड़ रुपए इक्विटी मार्केट में इनवेस्ट किए हैं। इससे पूर्व अप्रैल में फॉरेन इनवेस्टर्स ने 4,223 करोड़ रुपए निवेश किए थे। जनवरी से मार्च की अवधि में बिकवाली के कारण शुद्ध एफपीआई इनवेस्टमेंट 2025 में माइनस प्वाइंट में 92,491 करोड़ रुपए के साथ नकारात्मक बना हुआ है। एफपीआई ने जनवरी से मार्च 2025 के बीच शेयर मार्केट में 1.16 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी बेची थी। इसके अलावा मई में ब्रांड मार्केट में 12,155 करोड़ रुपए इनवेस्ट किए हैं। अप्रैल में फॉरेन इनवेस्टर्स ने ब्रांड मार्केट में 24,384 करोड़ रुपए की निकासी की थी। ब्रांड मार्केट में वर्ष 2025 में शुद्ध रूप से 36,648 करोड़ रुपए का विदेशी इनवेस्टमेंट हुआ है।

भारतीय इकोनॉमी का मजबूत प्रदर्शन

भारतीय इकोनॉमी का प्रदर्शन लगातार मजबूत बना हुआ है। देश की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च की अवधि में बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत पर थी। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक विकास दर 6.5 प्रतिशत रही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ विकास करने वाली एकमात्र अर्थव्यवस्था होगी। यह सब कुछ ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया भर के अन्य सभी बड़े देशों की अर्थव्यवस्थाएं अमेरिकी टैरिफ के कारण उतार-चढ़ाव का सामना कर रही हैं। इन सबके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, वह उत्तरोत्तर प्रगति कर रही है।

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