नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को असंगठित श्रमिकों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। सरकार के मुताबिक देश में कल्याणकारी योजनाओं ने 50 लाख से अधिक श्रमिकों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान की है। श्रम कल्याण महानिदेशालय यानी डीजीएलडब्ल्यू के माध्यम से श्रम और रोजगार मंत्रालय ने भारत में असंगठित श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कल्याणकारी योजनाओं की एक सीरीज चला रखी है, जो परिवर्तनकारी साबित हो रही हैं।
मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि देश में 50 लाख से अधिक श्रमिकों और उनके परिवारों पर सीधे प्रभाव डालने वाली ये योजनाएं श्रमिकों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा के मकसद से तैयार की गई रणनीति की आधारशिला हैं। केंद्र सरकार की शिक्षा सहायता योजना, वेलफेयर फ्रेमवर्क के प्रमुख घटकों में से एक है, जो बीड़ी और गैर-कोयला खदान श्रमिकों के बच्चों के लिए 1,000 रुपए से 25,000 रुपए तक की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करती है। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल यानी एनएसपी के माध्यम से कार्यान्वित की जाने वाली शिक्षा सहायता योजना के तहत हर साल एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानी डीबीटी पारदर्शी और समय पर वितरण सुनिश्चित करता है।
हालांकि 2016 में शुरू की गई रिवाइज्ड इंटीग्रेटेड हाउसिंग स्कीम, जिसे आरआईएचएस भी कहते हैं, अब समाप्त हो चुकी है। इस योजना को अब प्रधानमंत्री आवास योजना यानी पीएमएवाई में मिला दिया गया है, लेकिन मंत्रालय पात्र लाभार्थियों को 31 मार्च, 2024 तक लंबित किश्तों का वितरण जारी रखे हुए है। यही नहीं, डीजीएलडब्ल्यू के तहत कार्यरत श्रम कल्याण संगठन यानी एलडब्ल्यूओ 18 कल्याण आयुक्तों के एक सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से देश भर में इन योजनाओं का संचालन करता है। इसका लक्ष्य दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा के लिए वित्तीय और आवास सहायता प्रदान करना है। मंत्रालय ने कहा कि ये लक्षित योजनाएं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक सुरक्षा में सुधार करती हैं। साथ ही, सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास' दृष्टिकोण को भी क्रियान्वित करती हैं।
स्वास्थ्य योजना के तहत असंगठित मजदूर श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवा सहायता उपलब्ध कराने में भी बड़ा बदलाव हो रहा है। इसमें डिस्पेंसरियों के राष्ट्रीय नेटवर्क के माध्यम से आउट पेशेंट सर्विस, टीबी, हृदय रोग, किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर और माइनर सर्जरी जैसी गंभीर बीमारियों के लिए विशेष उपचार हेतु रिइंबर्समेंट शामिल है। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, वित्तीय सहायता छोटी सर्जरी के लिए 30,000 रुपए से लेकर कैंसर के इलाज के लिए 7.5 लाख रुपए तक सी सुविधा मिलती है, जिससे कम आय वाले श्रमिकों के लिए जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित होती है।
अन्य प्रमुख खबरें
RBI Repo Rate: नहीं कम होगी आपके लोन की EMI, आरबीआई ने नहीं घटाया रेपो रेट
LPG Price Hike: दिवाली से पहले बड़ा झटका, LPG सिलेंडर हुआ महंगा, जानें कितने बढ़े दाम
शिरीष चंद्र मुर्मू RBI के नए डिप्टी गवर्नर नियुक्त, तीन साल का होगा कार्यकाल
Gold-Silver Price Today : सोने-चांदी की कीमतों में भारी उछाल, जानें कितने बढ़ गये दाम
अब आतंकियों को ट्रेनिंग देगी पाकिस्तानी सेना ! जैश, हिजबुल और लश्कर पर होगा डायरेक्ट कंट्रोल
भारतीय शेयर बाजार: नई दिशा की ओर, RBI बैठक और वैश्विक घटनाओं पर टिकी चाल
अमेरिकी टैरिफ से लाल निशान में खुला शेयर बाजार, फार्मा और हेल्थकेयर शेयरों पर भारी दबाव
Stock Market news updates: भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, स्मॉल और मिडकैप में दिखा जोश
Analysis: दीपावली से दीपावली तक सोना-चांदी बना निवेशकों का सोना: एक साल में 43 प्रतिशत तक का रिटर्न
ग्लोबल मार्केट से कमजोरी के संकेत, दबाव में एशिया के बाजार
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुला, आईटी शेयरों पर दबाव, निवेशकों की सतर्कता बढ़ी
जीएसटी सुधार से देश में कारोबार करना होगा आसान, जीडीपी 20 लाख करोड़ रुपए बढ़ेगी : अश्विनी वैष्णव
डीआईआई ने रिकॉर्ड 5.3 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदी, 2025 के मात्र 9 महीनों में 2024 का आंकड़ा पार