Inflation Rate Down: 13 महीने के सबसे निचले स्तर 0.85 फीसदी पर पहुंची थोक महंगाई दर

खबर सार :-
केंद्र सरकार की कुशल नीतियों के कारण खुदरा और थोक महंगाई दर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों पर गौर करें, तो थोक महंगाई दर पिछले 13 महीने के सबसे निचले स्तर यानी 0.85 फीसदी पर पहुंच चुकी है। इस कारण महंगाई से परेशान जनता को काफी राहत मिली है।

Inflation Rate Down: 13 महीने के सबसे निचले स्तर 0.85 फीसदी पर पहुंची थोक महंगाई दर
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः केंद्र सरकार और आरबीआई की कुशल नीतियों का असर अब महंगाई पर भी दिखने लगा है। देश भर में खुदरा के बाद अब थोक महंगाई की दर में भी गिरावट दर्ज की गई है। ताजा आंकड़ों पर गौर करें, तो अप्रैल में थोक महंगाई दर 2.05 फीसदी से घटकर 0.85 फीसदी पर आ गई है। यह आंकड़ा पिछले 13 महीनों में थोक महंगाई का सबसे निचला स्तर है। इससे पूर्व मार्च, 2024 में थोक महंगाई की दर 0.53 फीसदी दर्ज की गई थी।

डब्ल्यूपीआई आधारित थोक महंगाई दर में आई गिरावट

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बाजार में थोक मूल्य सूचकांक यानी डब्ल्यूपीआई पर आधारित थोक महंगाई दर अप्रैल में खाद्य वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों और ईंधन की कीमतों में कमी आने की वजह से घटकर 0.85 फीसदी तक आ गई थीं। रोजाना की जरूरत के सामानों और खाने-पीने की चीजों की कीमतें घटने की वजह से थोक महंगाई दर भी घट गई है। जो महंगाई दर मार्च 2024 में 2.05 फीसदी और अप्रैल 2024 में 1.19 फीसदी रही थी, वह फरवरी 2025 में अप्रत्याशित रूप से कम हो गई। फरवरी में थोक महंगाई दर को लेकर जारी आंकड़ों को संशोधित करने के बाद 2.38 फीसदी से बढ़ाकर 2.45 फीसदी किया गया है। इसके अलावा डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च महीने में 2.05 फीसदी और अप्रैल, 2024 में 1.19 फीसदी रही थी। 

खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में भी हुआ बदलाव

खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अप्रैल में 0.86 फीसदी रही जो मार्च में 1.57 फीसदी थी। अप्रैल में सब्जियों की मुद्रास्फीति दर 18.26 फीसदी रही, जबकि मार्च में यह 15.88 फीसदी दर्ज की गई थी। प्याज की मुद्रास्फीति घटकर अप्रैल में 0.20 फीसदी रह गई, जबकि मार्च में यह 26.65 फीसदी थी। हालांकि, अप्रैल में विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति 2.62 प्रतिशत रही, जबकि मार्च में यह 3.07 फीसदी रही थी। ईंधन एवं बिजली के क्षेत्र में मुद्रास्फीति अप्रैल में 2.18 फीसदी रही, जो मार्च में 0.20 फीसदी थी। उल्‍लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चालू वित्‍त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी के आसपास बनाए रखने का अनुमान जताया है, लेकिन सब्जियों, फलों एवं दालों की कीमतों में नरमी आने से अप्रैल में खुदरा महंगाई दर घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.16 फीसदी पर आ गई है, जो जुलाई 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। बता दें, जुलाई 2019 में महंगाई दर 3.15 फीसदी थी।

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