नई दिल्लीः भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार के कारोबारी सत्र की शुरुआत गिरावट के साथ की। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांक लाल निशान में खुले। बाजार में कमजोरी का प्रमुख कारण आईटी शेयरों पर बना दबाव और उच्च वैल्यूएशन के चलते निवेशकों में बढ़ती सतर्कता माना जा रहा है। सुबह 9:29 बजे, बीएसई सेंसेक्स 311.90 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,790.20 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी 106.40 अंक या 0.42 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,062.65 पर आ गया। शुरुआती कारोबार में बाजार के लगभग सभी सेक्टर्स दबाव में दिखाई दिए।
भारतीय शेयर बाजार में आज विशेष रूप से निफ्टी आईटी इंडेक्स में 0.81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। आईटी सेक्टर की कंपनियों पर डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती और ग्लोबल क्लाइंट्स से कमजोर डिमांड के कारण दबाव देखा गया। इसके अतिरिक्त, निफ्टी ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी और रियल्टी इंडेक्स भी गिरावट में रहे।
हालांकि, कुछ सेक्टर्स ने बाजार को सहारा देने की कोशिश की। निफ्टी पीएसयू बैंक 0.51 प्रतिशत और मेटल इंडेक्स 0.09 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। सेंसेक्स पैक में ट्रेंट, मारुति सुजुकी, टाटा स्टील, एसबीआई, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स में शामिल रहे, जिन्होंने बाजार की गिरावट को सीमित करने की कोशिश की। दूसरी ओर, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जो बाजार की कमजोरी को और गहरा कर रहे थे।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में मिला-जुला रुख रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 177.05 अंक यानी 0.30 प्रतिशत गिरकर 58,319.55 पर रहा, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 14.30 अंक या 0.08 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ 18,206.05 पर बंद हुआ। विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी अपने सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से करीब 4 प्रतिशत नीचे है। बाजार में मूल्यांकन संबंधी चिंता बनी हुई है। यदि कंपनियों की कमाई में अपेक्षित तेजी नहीं आई, तो यह गिरावट और गहराई ले सकती है। स्मॉलकैप शेयरों में वैल्यूएशन अभी भी ऊंचा है, जिससे इस सेगमेंट में और गिरावट की संभावना जताई जा रही है।
वैश्विक संकेत भी बाजार को स्पष्ट दिशा देने में विफल रहे। एशियाई बाजारों में टोक्यो और सोल लाल निशान में रहे, जबकि शंघाई, हांगकांग और बैंकॉक में तेजी देखने को मिली। अमेरिकी बाजार भी मंगलवार को नुकसान के साथ बंद हुए, जिससे वैश्विक अनिश्चितता और बढ़ गई है। इस समय निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। खासतौर से वैल्यूएशन और कंपनियों की आय वृद्धि पर नजर रखनी जरूरी है। बाजार की मौजूदा स्थिति में गिरावट को निवेश का मौका मानने से पहले गहन विश्लेषण आवश्यक है।
अन्य प्रमुख खबरें
मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान में खुला शेयर बाजार, फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली
भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी, मेटल और फार्मा सेक्टर ने दिखाई मजबूती
सकारात्मक वैश्विक संकेतों से सोने और चांदी में उछाल, कीमतें 2 प्रतिशत तक बढ़ीं
अक्टूबर में खुले 30 लाख से ज्यादा डीमैट खाते, निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी से 10 महीने का बना रिकॉर्ड
सोशल मीडिया पर फैली भ्रामक खबर, आरबीआई ने 35 टन सोना बेचने की खबरों को बताया फर्जी
सस्ते में सोना खरीदने का बेहतरीन मौका, कीमतों में आई गिरावट
Gold Price: RBI ने आखिर क्यों बेच डाला 35 टन सोना ! रिजर्व बैंक ने बताई सच्चई
देश की अर्थव्यवस्था के हित में आरबीआई की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी जरूरी : गवर्नर संजय मल्होत्रा
एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में की वापसी, फ्रांस सबसे आगे
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट, आईटी और अन्य सेक्टरों में बिकवाली
सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली गिरावट, मेटल और रियल्टी स्टॉक्स में दबाव
अनिल अंबानी को ईडी का समन: मनी लॉन्ड्रिंग केस में 14 नवंबर को होगी पूछताछ
ऑर्कला इंडिया ने आईपीओ निवेशकों को दिया झटका, लिस्टिंग के बाद फिसले शेयर
सोने की कीमतों में लगातार गिरावट का रुख, 900 रुपये तक सस्ता हुआ सोना