Digital Payment: भारत में डिजिटल भुगतान में जबरदस्त उछाल, छह वर्षों में 12,000 लाख करोड़ से अधिक के लेनदेन

खबर सार :-
भारत सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। देश में छह वर्षों में डिजिटल भुगतान में जोरदार इजाफा हुआ है, आंकड़ा 12,000 लाख करोड़ को पार कर चुका है। इसमें जितना योगदान शहरी क्षेत्रों का है, उससे कहीं अधिक योगदान ग्रामीण क्षेत्रों का भी है।

Digital Payment: भारत में डिजिटल भुगतान में जबरदस्त उछाल, छह वर्षों में 12,000 लाख करोड़ से अधिक के लेनदेन
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः  केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया मुहिम का असर दिखने लगा है। भारत ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। अब स्मार्टफोन और इंटरनेट की व्यापकता के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग आसानी से डिजिटल पेमेंट करने लगे है। केंद्र सरकार की ओर से संसद में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वित्तीय वर्षों (वित्त वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक) में देश में 65,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन दर्ज किए गए हैं, जिनकी कुल वैल्यू 12,000 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक रही है।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में जुटे बैंक और कंपनियां

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), फिनटेक कंपनियों, बैंकों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर टियर-2 और टियर-3 शहरों समेत देश के दूरदराज क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। डिजिटल अवसंरचना को मजबूती देने के लिए 2021 में RBI द्वारा पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (PIDF) की शुरुआत की गई थी। मंत्री ने बताया कि 31 मई 2025 तक PIDF के तहत करीब 4.77 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट स्थापित किए जा चुके हैं। यह पहल खासकर उत्तर-पूर्वी राज्यों और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो रही है।

डिजिटल रूप से सशक्त बन रहे ग्रामीण व महिलाएं

डिजिटल पेमेंट के विकास को मापने के लिए आरबीआई ने ‘डिजिटल पेमेंट इंडेक्स’ (RBI-DPI) तैयार किया है। सितंबर 2024 में यह सूचकांक 465.33 के स्तर पर पहुंच गया, जो देश में डिजिटल भुगतान के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूपीआई (UPI) जैसे प्लेटफॉर्म ने छोटे दुकानदारों, ग्रामीण क्षेत्रों और महिलाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया है। नकद लेनदेन पर निर्भरता में भारी कमी आई है और औपचारिक अर्थव्यवस्था से जुड़ने वालों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से न सिर्फ व्यवसायों की दक्षता बढ़ी है, बल्कि वंचित वर्गों को वित्तीय सेवाओं से जोड़ने में भी क्रांतिकारी बदलाव आया है। डिजिटल भारत की यह उड़ान अब गांवों और छोटे कस्बों तक पहुंच चुकी है, जहां अब तकनीक नई आशा और अवसर लेकर आ रही है।

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