मुंबईः महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कर सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कर कानूनों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान कर कानूनों को सरल और आम जनता के लिए सुगम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (एआईएफटीपी) समेत कई कर (टैक्स) संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए गए कार्यक्रम में सभी ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया और कर कानूनों को आसान बनाने से जुड़े सुझाव भी सामने रखे हैं।
एआईएफटीपी के पूर्व अध्यक्ष नारायण जैन और डॉ. गिरीश आहूजा ने कर सम्मेलन के दौरान कहा कि करदाताओं के बेहतर अनुपालन के लिए मौजूदा कानूनों को सरल बनाना अत्यंत आवश्यक है। आयकर विधेयक 2025 पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुए बताया कि नया विधेयक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की मूल भावना को बनाए रखना जरूरी है, लेकिन अधिनियम में जो भी अनावश्यक प्रावधान हैं, उनको हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही जो भी जरूरी धाराएं हैं, उन धाराओं को फिर से क्रमबद्ध करना जरूरी है। इससे करदाताओं के लिए धाराओं के बारे में समझना आसान हो जाएगा। एआईएफटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि संगठन के 11 हजार से अधिक सदस्य देशभर में टैक्स शिक्षा और जागरूकता के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इस सम्मेलन में जीएसटी, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग, भारतीय न्याय संहिता से जुड़े प्रावधानों और सहकारी क्षेत्र से जुड़े विषयों पर भी चर्चा हुई। यही नहीं, तकनीकी सत्र के दौरान वक्ताओं ने सभी प्रमुख विषयों पर गहराई से अपने-अपने विचार रखे और प्रतिभागियों के सवालों के बेहतर ढंग से जवाब दिए हैं। इस सम्मेलन में देशभर से आए विशेषज्ञों, सलाहकारों और अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की सक्रिय भागीदारी रही है।
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