Forex India: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.7 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी, आंकड़ा पहुंचा 698.19 अरब डॉलर

खबर सार :-
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार 698.19 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यही नहीं अप्रैल महीने के सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और मई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

Forex India:  भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.7 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी, आंकड़ा पहुंचा 698.19 अरब डॉलर
खबर विस्तार : -

मुंबईः भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर तेजी से बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, 25 जुलाई को समाप्त सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.7 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 698.19 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्यतः विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) और स्वर्ण भंडार में बढ़ोतरी के कारण हुई है।

विदेशी मुद्रा परिसम्पत्तियों का आंकड़ा 588.93 अरब डॉलर तक पहुंचा

आरबीआई ने बताया कि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 1.31 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 588.93 अरब डॉलर तक पहुंच गईं। यह परिसंपत्तियां अमेरिकी डॉलर में व्यक्त की जाती हैं, लेकिन इनमें यूरो, जापानी येन और ब्रिटिश पाउंड जैसी अन्य मुद्राओं की विनिमय दरों के उतार-चढ़ाव का भी असर शामिल होता है। इसके अतिरिक्त, भारत का स्वर्ण भंडार भी 1.2 अरब डॉलर बढ़कर 85.7 अरब डॉलर हो गया।

विशेष आहरण अधिकार में बढ़ोत्तरी

विशेष आहरण अधिकार (SDRs) की बात करें तो इसमें भी सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली। आईएमएफ के साथ भारत के SDR 12.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.8 अरब डॉलर हो गए, जबकि भारत की आईएमएफ के साथ रिजर्व पोजीशन 5.5 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 4.75 अरब डॉलर हो गई। RBI समय-समय पर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है ताकि लिक्विडिटी की स्थिति को बनाए रखा जा सके और रुपए की विनिमय दर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोका जा सके। यह हस्तक्षेप किसी विशेष विनिमय दर को लक्षित करने के बजाय बाजार में स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से होता है।

एफडीआई और एफपीआई के आंकड़ों में भी इजाफा

इस बीच, आरबीआई के मासिक बुलेटिन के मुताबिक, अप्रैल 2025 में भारत में सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 8.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो मार्च 2025 में 5.9 अरब डॉलर और अप्रैल 2024 में 7.2 अरब डॉलर था। इस एफडीआई का लगभग 50% हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग और बिजनेस सर्विस सेक्टर में गया। बुलेटिन में यह भी बताया गया कि भारत एफडीआई प्रवाह के मामले में दुनिया में 16वें स्थान पर है। 2020 से 2024 के बीच देश ने डिजिटल इकोनॉमी में 114 अरब डॉलर का ग्रीनफील्ड निवेश आकर्षित किया है, जो ग्लोबल साउथ देशों में सबसे अधिक है। इसके अलावा, मई 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में भी 1.7 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जिसका प्रमुख कारण शेयर बाजार की मजबूती और वैश्विक-घरेलू सकारात्मक संकेत थे। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा और भारतीय परिसंपत्तियों की मांग में इजाफा हुआ।

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