नई दिल्लीः भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर पूरी दुनिया की नजर है। इसलिए मूडीज से लेकर क्रिसिल तक सारी रेटिंग एजेंसियों ने अर्थव्यवस्था का सर्वे कर अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जो कि देश के विकास की गति को मजबूती प्रदान करती हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें वर्ष 2026 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यही नहीं, घरेलू खपत में सुधार से औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के दावे भी किए गए हैं।
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि घरेलू खपत को लेकर मांग में सुधार होगा। यह सुधार स्वस्थ कृषि वृद्धि, विवेकाधीन खर्च को बढ़ावा देने वाली महंगाई में कमी, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की दरों में कटौती और आयकर में राहत की वजह से होगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग को इस वित्त वर्ष में सामान्य से अधिक मानसून रहने की उम्मीद है, जो कृषि उत्पादन और मुद्रास्फीति के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। यह भी बताया कि इस वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतें भी औसतन 65-70 डॉलर प्रति बैरल रहेंगी। क्रिसिल ने अपने नोट में लिखा हि कि हमें उम्मीद है कि एमपीसी अप्रैल तक 50 आधार अंकों की कटौती के बाद इस वित्त वर्ष में रेपो दर में 50 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती करेगी। केंद्रीय बैंक की नीतियों के अनुसार बैंक ऋण दरों में कमी आनी शुरू हो गई है, जिससे घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में मुख्य रूप से वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें बाहरी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण गिरावट का जोखिम भी बताया है।
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से की जाने वाली महत्वपूर्ण टैरिफ घोषणाओं के कारण अप्रैल में आईआईपी की वृद्धि धीमी रही। देश में फार्मास्यूटिकल्स और रसायन जैसे कुछ निर्यात को बढ़ावा देने वाले क्षेत्रों में उत्पादन धीमा रहा है, जबकि फ्रंट-लोडिंग निर्यात से मशीनरी और रेडीमेड गारमेंट जैसे क्षेत्रों को काफी लाभ हुआ है। औद्योगिक वस्तुओं ने मिश्रित प्रदर्शन दर्ज किया है, जिसमें पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन वृद्धि में तेजी आई, जबकि मध्यवर्ती वस्तुओं में मामूली तेजी आई। अप्रैल में निर्यातोन्मुखी क्षेत्रों का प्रदर्शन मिलाजुला रहा, हालांकि व्यापारिक निर्यात में जोरदार सुधार दर्ज हुआ। सांख्यिकी मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल वस्तुओं के उत्पादन में भी 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की उच्च उपभोक्ता मांग को स्पष्ट करता है। इसके अलावा राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों के क्षेत्रों में लागू की जा रही बड़ी सरकारी परियोजनाओं के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
अन्य प्रमुख खबरें
Arshad Warsi SEBI: एक्टर अरशद वारसी पर सेबी की बड़ी कार्रवाई, पत्नी समेत 59 लोगों पर लगा प्रतिबंध
CII Business Summit: विकसित भारत के लिए श्रम उत्पादकता को बढ़ाना जरूरीः सुमन बेरी
Benefits of SAIL: 2025 की अंतिम तिमाही में 16.5 प्रतिशत बढ़ा सेल का मुनाफा
RBI Report: जोखिमों के बावजूद 6.5 प्रतिशत रहेगी वास्तविक जीडीपी वृद्धिः आरबीआई
AI Agents Demand Increased: उद्यम परिवर्तन की नई लहर का नेतृत्व करेंगे ‘एआई एजेंट’
Share Market Stumbled: यूनीफाइड डाटा टेक ने निवेशकों को किया निराश, लुढ़के शेयर
Gold and Silver rate Down: सोने-चांदी की कीमतों में लगातार दूसरे दिन जोरदार गिरावट
Government Focus on Quality: भारतीय उत्पादों की बेहतर क्वालिटी पर फोकस कर रही सरकारः निधि खरे
Share Market Crash: एफएमसीजी के शेयरों में जमकर हुई बिकवाली, शेयर बाजार लाल निशान में बंद
Black Box Growth: वित्त वर्ष 2025 में ब्लैक बॉक्स का वित्तीय प्रदर्शन रहा मजबूत
Gold Rate Down: सर्राफा बाजार में सोने के भाव गिरे, चांदी स्थिर
Colliers Report: 15 साल में डेटा सेंटर क्षमता 45,00 मेगावाट के पार पहुंचने का अनुमान
LIC PROFIT: एलआईसी को चौथी तिमाही में 19,013 करोड़ रुपए का हुआ मुनाफा
Growth in Green Energy: ऊर्जा क्षेत्र में लगातार आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा भारतः हरदीप पुरी