छठ पर 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार, 'स्वदेशी छठ' कैंपेन से लोकल प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ी

खबर सार :-
छठ पूजा ने इस बार देशभर में 50,000 करोड़ से अधिक का व्यापार उत्पन्न किया, जिसमें लोकल प्रोडक्ट्स की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। 'स्वदेशी छठ' कैंपेन की वजह से पारंपरिक उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई, और त्योहार के साथ जुड़ी सेवाओं ने भी व्यापार को नई दिशा दी। इस पर्व का आर्थिक प्रभाव अब मेट्रो शहरों और नए क्षेत्रों तक फैल चुका है।

छठ पर 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार, 'स्वदेशी छठ' कैंपेन से लोकल प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ी
खबर विस्तार : -

Chhath Puja 2025: हर साल देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाए जाने वाले छठ पर्व के व्यापारिक आंकड़े जारी किए गए हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार छठ पूजा से संबंधित कुल व्यापार 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का हुआ। देश भर में लगभग 10 करोड़ लोग इस पूजा में शामिल हुए, जिनमें से सबसे बड़ा योगदान बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों का था।

दिल्ली में 8,000 करोड़ का कारोबार

कैट के अनुसार, छठ पर्व से संबंधित व्यापार में दिल्ली का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय था, जहां लगभग 8,000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। इसके अलावा, बिहार में 15,000 करोड़ और झारखंड में 5,000 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। खासतौर से, छठ पूजा के प्रमुख केंद्र बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में सबसे ज्यादा लोग जुटे, जिससे यहां की बाजारों में भारी भीड़ और सामान की मांग देखने को मिली।

स्वदेशी छठ कैंपेन का असर

कैट के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस साल "स्वदेशी छठ" अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी की स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी के लिए अपील को जबरदस्त समर्थन मिला। इस पहल ने पारंपरिक कारीगरों और स्थानीय उत्पादकों को बढ़ावा दिया, जिससे लोकल हैंडीक्राफ्ट और देसी प्रोडक्ट्स की बिक्री में इज़ाफा हुआ। छठ पूजा के दौरान बिकने वाले प्रमुख उत्पादों में केले, गन्ना, नारियल, मौसमी फल, चावल, अनाज, ठेकुआ, खीर, लड्डू और गुड़ जैसी चीजें शामिल थीं।

त्योहार से जुड़ी सेवाओं में व्यापार

पूजा के सामान के अलावा, घाट निर्माण, लाइटिंग, नाव सेवा, साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था जैसे सेवाओं से भी व्यापार हुआ। दिल्ली सरकार ने 1,500 घाट बनाए और पूजा सामग्री, अस्थायी ढांचे, साफ-सफाई और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए। इसके परिणामस्वरूप, इस बार छठ पूजा के दौरान एक बड़ी आर्थिक गतिविधि हुई, जो पहले से कहीं अधिक व्यापक स्तर पर फैल चुकी है। अब यह त्योहार केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मेट्रो शहरों और उभरते राज्यों में भी अपनी पहचान बना चुका है।

प्रवासी समुदाय का योगदान

प्रवासी समुदायों ने भी इस बार छठ पूजा को उत्साहपूर्वक मनाया, जिससे स्थानीय बाजारों में मजबूत मांग पैदा हुई। खासकर दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में इस त्योहार से जुड़े व्यापार में तेजी देखी गई, जिससे इस बार का व्यापार पहले से कहीं अधिक बढ़ा।

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