Modi Government 11 year: मोदी सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल में मध्यम वर्ग को मिला सर्वाधिक लाभ

खबर सार :-
केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग के जीवन को आसान और अधिक सम्मानजनक बनाने के लिए लगातार सुधार किए हैं। सरकार की ओर से गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इन सुधारों में कर राहत से लेकर उनके हाथों में अधिक पैसा आने तक के कदम और वृद्धावस्था में सुरक्षा का वादा करने वाली पेंशन योजनाएं शामिल हैं।

Modi Government 11 year: मोदी सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल में मध्यम वर्ग को मिला सर्वाधिक लाभ
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का 11 वर्षों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस दौरान केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग के जीवन को आसान और अधिक सम्मानजनक बनाने के लिए लगातार सुधार किए हैं। सरकार की ओर से गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इन सुधारों में कर राहत से लेकर उनके हाथों में अधिक पैसा आने तक के कदम और वृद्धावस्था में सुरक्षा का वादा करने वाली पेंशन योजनाएं शामिल हैं।

लाफीताशाही को किया खत्म 

सरकार ने 11 वर्षों के कार्यकाल में लालफीताशाही को खत्म किया है, नियमों को सरल बनाया है और रोजमर्रा की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया है। टैक्स फाइल करने से लेकर घर की खरीदारी और दवाइयों का खर्च लगभग हर चीज आसान और सुलभ हो गई है। सरकार ने न केवल मध्यम वर्ग की कड़ी मेहनत का सम्मान किया है, बल्कि उन्हें देश के विकास के प्रमुख चालकों के रूप में भी मान्यता दी है। यह भी कहा कि आयकर दरों को कम करने से लेकर रिटर्न को सरल बनाने तक सभी पहल इस मूल विचार के साथ संबद्ध हैं कि आम लोगों की कमाई का अधिक हिस्सा उनके पास रहे। सरकार के प्रयासों से करदाताओं का जीवन को आसान बन गया है। कर छूट की सीमा बढ़ाने के साथ मानक कटौती शुरू की गई और 2020 में आसान कर व्यवस्था से कागजी कार्रवाई को लगभग खत्म किया गया।

वेतनभोगियों को आयकर में छूट का मिला लाभ

केंद्र सरकार ने बताया कि करोड़ों वेतनभोगियों को लाभ प्रदान करने के लिए केंद्रीय बजट 2025-26 में बड़ा प्रावधान किया गया। जिसके अनुसार, सालाना 12 लाख रुपए तक कमाने वाले व्यक्ति अब पूंजीगत लाभ जैसी विशेष आय को छोड़कर आयकर नहीं देंगे। कुल 75,000 रुपए की मानक कटौती के साथ, 12.75 लाख रुपए कमाने वाले भी किसी तरह कोई कर नहीं देंगे। मानक कटौती स्वतः एक निश्चित राशि से कर योग्य आय को कम करती है, जिससे वेतनभोगी कर्मचारियों पर बोझ कम होता है, क्योंकि इससे उन्हें कई छूटों का दावा करने या विस्तृत प्रमाण पेश करने की जरूरत नहीं होती है। यह सुधार मध्यम वर्ग की जरूरतों की गहरी समझ को दर्शाता है। कर अनुपालन को आसान बनाने की दिशा में काम हुआ है। व्यक्तिगत करदाताओं को अब पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न प्रदान किए जाते हैं। इन रिटर्न में वेतन आय, बैंक ब्याज, लाभांश और अन्य सभी विवरण शामिल रहते हैं। व्यक्तिगत आईटीआर फाइलिंग आसान की प्रक्रिया आसान होने से आयकर दाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2013-14 में 3.91 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 9.19 करोड़ हो गई। यह वृद्धि दर्शाती है कि इन बीते वर्षों में अधिक से अधिक लोगों को कर कानूनों का अनुपालन करना सरल और सार्थक लगने लगा।

मुद्रास्फीति में पांच प्रतिशत तक की कमी

सरकार के मुताबिक वित्त वर्ष 2004-05 से 2013-14 के दशक में औसत वार्षिक मुद्रास्फीति 8.2 प्रतिशत के स्तर पर थी। इसके बाद वित्त वर्ष 2015-16 और 2024-25 के बीच औसत मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत तक कम होकर 3 प्रतिशत के आस-पास पहुंच गई है। अब लोगों के लिए जीवन यापन आसान हो गया है। बाजार में स्थिर कीमतों ने परिवारों को काफी राहत दी। सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में भी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त 2024 को यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी देकर पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचाया है। यह योजना सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों के दौरान प्राप्त औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन सुनिश्चित करती है, जो कम से कम 25 वर्ष की सेवा वाले कर्मचारियों के लिए लागू है। बयान में कहा गया है कि कम सेवा अवधि वाले लोगों के लिए, पेंशन की गणना आनुपातिक रूप से की जाएगी, जिसमें न्यूनतम योग्यता अवधि 10 वर्ष होगी।

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