नई दिल्ली: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित ब्याज दरों में कटौती के बीच, मंगलवार को भारतीय बाजार में सोने की कीमत एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 1,10,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का दाम 1,10,180 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुँच चुका है, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
इस तेजी के पीछे सबसे बड़ा कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक है, जिसमें उम्मीद जताई जा रही है कि ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती की जा सकती है। इससे डॉलर की मजबूती में कमी आएगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों को समर्थन मिलेगा। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के मुताबिक, सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,679 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है, जबकि पहले यह 3,685 डॉलर थी। ब्याज दरों में कमी के साथ-साथ डॉलर की कमजोरी भी सोने की कीमतों को ऊपर उठाने का काम कर रही है। विश्लेषकों का मानना है कि इससे निवेशक कम रिटर्न वाले सरकारी बांड और सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने को अधिक प्राथमिकता देंगे।
भारत के विभिन्न शहरों में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं। दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,10,260 रुपए प्रति 10 ग्राम, मुंबई में 1,10,450 रुपए प्रति 10 ग्राम, कोलकाता में 1,10,310 रुपए प्रति 10 ग्राम और चेन्नई में 1,10,770 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच चुकी है। सोने की कीमतों में इस वृद्धि के साथ ही चांदी की कीमतें भी बढ़ी हैं। एमसीएक्स पर चांदी की कीमत 1,29,600 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। चांदी की बढ़ती कीमतों का एक कारण इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और सौर ऊर्जा जैसी औद्योगिक मांगों में वृद्धि भी है, जिसके कारण इसकी खपत बढ़ी है।
सोने के प्रति निवेशकों की रुचि में वृद्धि भी देखी जा रही है। अगस्त 2025 में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में 23.3 करोड़ डॉलर का शुद्ध निवेश हुआ, जो जुलाई में दर्ज 13.9 करोड़ डॉलर से 67 प्रतिशत अधिक है। यह निवेश सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखे जाने के कारण हुआ है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैं।
सोने की कीमतों में इस वृद्धि का असर भारत की मुद्रास्फीति पर भी देखा जा रहा है। अगस्त 2025 के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, सोने की कीमतों में 40 प्रतिशत की सालाना वृद्धि ने मुख्य मुद्रास्फीति को बढ़ाया, जिससे महंगाई दर लगभग 43 आधार अंक बढ़ गई। इस कारण भारतीय परिवारों के लिए सोने की खरीददारी महंगी हो गई है, लेकिन निवेशक इसे एक सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।
बता दें, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना और डॉलर की कमजोरी ने सोने की कीमतों को नई ऊँचाईयों तक पहुंचा दिया है। हालांकि, यह तेजी निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन सामान्य उपभोक्ताओं के लिए सोने की कीमतों में इस वृद्धि से खर्च बढ़ सकता है। भविष्य में अमेरिकी फेड की नीति और वैश्विक आर्थिक स्थितियां सोने की कीमतों के उतार-चढ़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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