अब लू से निपटने को रहें तैयार

खबर सार :-
मौसम पूर्वानुमान से किसानों को फसलों के प्रति तैयार रहने में मदद मिलती है। 23 अप्रैल के बाद के लिए केंद्रीय मौसम विज्ञान विभाग से कुछ जानकारी मिली है। यह मौसम पूर्वानुमान किसानों को उनकी फसल के प्रति जागरूक रहने के लिए है।

अब लू से निपटने को रहें तैयार
खबर विस्तार : -


लखनऊ: मौसम पूर्वानुमान से किसानों को फसलों के प्रति तैयार रहने में मदद मिलती है। 23 अप्रैल के बाद के लिए केंद्रीय मौसम विज्ञान विभाग से कुछ जानकारी मिली है। यह मौसम पूर्वानुमान किसानों को उनकी फसल के प्रति जागरूक रहने के लिए है। किसानों को बताया गया है कि 23 अप्रैल के बाद तापमान में क्रमिक वृद्धि जारी रहने से आने वाले दिनों में कहीं-कहीं लू की परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है, जिसके लिये नियमित दैनिक मौसम पूर्वानुमान देखते रहने की जरूरी है। 

 23 अप्रैल से 01 मई तक किसानों को काफी सचेत रहने की जरूरत है। प्रदेश के उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र व उसके आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पूर्वी मैदानी  क्षेत्र के अधिकांश भाग तथा पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के उत्तरी भाग में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के शेष भाग तथा मध्य पश्चिमी मैदानी एवं पूर्वी मैदानी क्षेत्र के अधिकांश भाग में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने का अनुमान है।

दक्षिणी-पश्चिमी अर्द्धशुष्क मैदानी क्षेत्र के दक्षिणी भाग एवं बुंदेलखंड के अधिकांश भाग में औसत साप्ताहिक अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के करीब माना जा रहा है। प्रदेश के अन्य कृषि जलवायु अंचलों में यह 40 से 42 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। पूर्वी मैदानी एवं विंध्य क्षेत्र के पूर्वी भाग में औसत साप्ताहिक न्यूनतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है। दक्षिणी-पश्चिमी अर्द्धशुष्क मैदानी क्षेत्र के दक्षिणी भाग एवं बुन्देलखंड क्षेत्र के संलग्न पश्चिमी भाग में औसत साप्ताहिक न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस तथा अन्य कृषि जलवायु अंचलों में यह 22 से 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। मौसम संबंधी जानकारी क्रॉप वेदर वॉच गु्रप की बैठक में दी गई थी। डा. संजीव कुमार, उपमहानिदेशक, यूपी कृषि अनुसंधान परिषद ने इसकी अध्यक्षता की थी। बैठक में मौसम के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किसानों को अगले दो सप्ताह के लिए कृषि प्रबंधन के लिए सुझाव भी मिले थे। 
 

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