यूपी में पीएम धन-धान्य कृषि योजना पकड़ेगी रफ्तार, 12 जिले किए गए चयनित

खबर सार :-
किसानों की आय और फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना शुरू की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते 11 अक्टूबर को इस योजना की शुरूआत की। यूपी में इस योजना को रफ्तार देने के लिए 12 जिलों का चयन किया गया है। चयनित जिलों में योजना को लागू करने के लिए जिला स्तरीय कमेटी, फंड के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी बनाई गई है।

यूपी में पीएम धन-धान्य कृषि योजना पकड़ेगी रफ्तार, 12 जिले किए गए चयनित
खबर विस्तार : -

लखनऊ : दीपावली से पहले शुरू की गई प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (PMDDKY) अब तेज़ी पकड़ने वाली है। किसानों की इनकम और फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए पूरे देश में लागू की गई इस योजना के लिए उत्तर प्रदेश के 12 ज़िलों को चुना गया है। इन ज़िलों में अब इसे लागू करने के लिए ज़िला-स्तरीय कमेटियां बनाई गई हैं। ये कमेटियां स्थानीय मौसम, हालात के हिसाब से प्लान बनाएंगी और उन्हें लागू करेंगी। योजना के लिए फंड की उपलब्धता को मैनेज करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य-स्तरीय कमेटी भी बनाई गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर को यह योजना शुरू की थी।

चुने गए ज़िलों में महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी, ललितपुर, उन्नाव, प्रयागराज, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और सोनभद्र शामिल हैं। इन ज़िलों में खेती की पैदावार बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा। इसमें टिकाऊ खेती के तरीकों को बढ़ावा देना, पंचायत और ब्लॉक लेवल पर स्टोरेज की सुविधा देना, सिंचाई सिस्टम को बेहतर बनाना, छोटे और मंझोले किसानों को लोन तक आसान पहुंच देना शामिल होगा। राज्य सरकार इस योजना को लागू करने में दूसरे राज्यों से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश कर रही है।

डीएम की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय कमेटी का गठन 

चुने गए हर ज़िले में ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में 17 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है। इसमें कृषि, ज़िला पंचायत, बागवानी, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे संबंधित विभागों के अधिकारियों को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। यह कमेटी किसानों और पंचायत अधिकारियों के साथ-साथ अन्य संबंधित स्टेकहोल्डर्स से सलाह करके ज़िला-स्तरीय कृषि और संबंधित गतिविधियों का प्लान तैयार करेगी। फसल विविधीकरण, पानी और मिट्टी की सेहत के संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।

 कमेटी करेगी योजना की मासिक समीक्षा 

कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त फसल पैटर्न और संबंधित गतिविधियों पर ध्यान दिया जाएगा। उत्पादकता और वैल्यू एडिशन बढ़ाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। कमेटी योजना के कार्यान्वयन की मासिक समीक्षा करेगी। राज्य-स्तरीय कमेटी में भी 17 सदस्य हैं। यह कमेटी चुने गए ज़िलों में योजनाओं के लिए समय पर फंड जारी करने, विभागों के बीच तालमेल सुनिश्चित करेगी। इन ज़िलों के उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग और वैल्यू एडिशन में भी सहायता प्रदान की जाएगी। कृषि निदेशक डॉ. पंकज त्रिपाठी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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