Kharif Seeding area increased: खरीफ की फसलों का कुल बुवाई क्षेत्रफल 89 लाख हेक्टेयर के पार

खबर सार :-
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ की फसलों की बुवाई से जुड़ा आंकड़ा जारी किया है, जिसके अनुसार वर्ष 2025 में फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल 1.48 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है, जिसकी वजह से कुल बुवाई का क्षेत्रफल 89 लाख हेक्टेयर के पार पहुंच गया है। इसके साथ ही दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की बुवाई का क्षेत्रफल भी लगातार बढ़ रहा है।

Kharif Seeding area increased: खरीफ की फसलों का कुल बुवाई क्षेत्रफल 89 लाख हेक्टेयर के पार
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को खरीफ की फसलों की बुवाई से संबंधित आंकड़ा जारी किया है, जिसके अनुसार, वर्ष 2025 में खरीफ फसल की बुवाई का क्षेत्रफल बढ़कर 89.29 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 87.81 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था।  इस सीजन के आरंभ में बुवाई क्षेत्र में 1.48 लाख हेक्टेयर की वृद्धि होना अधिक उत्पादन के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। इससे निश्चित तौर पर किसानों की आय में वृद्धि होगी और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलेगी।

खेतों में धान की रोपाई और बुवाई शुरू

 मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक धान की रोपाई और बुवाई अभी शुरू हुई है, जिसका रकबा 13 जून 2025 तक बढ़कर 4.53 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 4 लाख हेक्टेयर था। इसके अलावा उड़द और मूंग जैसी दालों की बुआई का रकबा 3.07 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह रकबा 2.6 लाख हेक्टेयर था। खरीफ सीजन के शुरुआती बुआई में 0.49 लाख हेक्टेयर की यह वृद्धि एक अच्छी शुरुआत मानी जा रही है, क्योंकि दालों के उत्पादन में वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस साल 13 जून तक तिलहन के तहत बोया गया रकबा भी पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 1.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.05 लाख हेक्टेयर हो गया है।

मोटे अनाज की बुवाई का रकबा भी 5.89 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा

कृषि मंत्रालय के अनुसार देश भर में वर्तमान वित्तीय वर्ष में ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाज या बाजरा के तहत कवर किया गया रकबा भी लगातार बढ़ रहा है। इस साल अब तक मोटे अनाज की बुवाई का क्षेत्रफल 5.89 लाख हेक्टेयर के आंकड़े को छू चुका है। इस सीजन में बुआई बढ़ने की वजह बेहतर मानसूनी बारिश है, जिससे देश के असिंचित क्षेत्रों में बुआई को आसान बना दिया है, जो देश की कृषि भूमि का करीब 50 प्रतिशत है। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 28 मई को विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी, जिससे उत्पादकों को उनकी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके और उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा सके।

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