लखनऊ, जैसे-जैसे खेती के संसाधन बढ़ाए गए और शोध कर उपज वाले बीजों को बाजार तक लाया गया, वैसे-वैसे फसलों पर प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। वैज्ञानिक खुद कह रहे हैं कि मीडिया के जरिए विभिन्न क्षेत्रों की खबरें मिलती रहती हैं, इनमें दावे तमाम तरह के किए जाते हैं, लेकिन सच्चाई काफी दूर तक दिखाई नहीं पड़ती है। हाल में ही कुछ जानकारियां सुर्खियों में आईं हैं। इनमें दावे किए गए कि अब धान भी शुगर फ्री आने वाला है। यानी चावल खाने वाला व्यक्ति यदि शुगर का पेशेंट है तो उसे चावल से डरने की जरूरत नहीं है।
वह खूब चावल खा सकता है, लेकिन इस खबर को किसान वैज्ञानिक ने ही खारिज कर दिया हैं। वैज्ञानिक का कहना है कि जो बातें कही जाती हैं, जरूरी नहीं है कि वह सही ही साबित हों। बक्शी का तालाब स्थित किसान वैज्ञानिक डॉ सत्येंद्र कहते हैं कि वर्तमान में जो चावल आ रहा है, वह पहले से काफी भिन्न है। इसमें माड़ी की मात्रा अधिक रहती है। डॉ सत्येंद्र बताते हैं कि वर्तमान में हाईब्रिड धान का चावल काफी पतला होता है। इसकी पौध तैयार की जा रही है। दोनों ही चावल में गुण लगभग समान हैं। वर्तमान की प्रजातियों में मधुमक्का, पुराने में सरजू और नगीना काफी चर्चा वाले बीज हैं।
पुराना चावल आज भी तमाम स्थानों जैसे पूर्वांचल और पश्चिम के जिलों में पाया जाता है। डॉ सत्येंद्र बड़ी ही रोचक जानकारी देते हुए कहते हैं कि हाईब्रिड धान वाले स्थानों में मधुमक्खी पालन आसान नहीं होता है। यह पुराने धान की पारंपरिक खेती वाले स्थानों में आसानी से पल जाती हैं। हाईब्रिड धान की फसल में पानी और खर्च लगभग पुराने धान के समान ही होता है। किसानों को चाहिए कि वह अपने अनुभव के आधार पर ही खेती करें।
अन्य प्रमुख खबरें
PM Crop Insurance Scheme : 31 से पहले करा लें यह काम... मुआवजा मिलने में नहीं आएगी दिक्कत
मक्का और आलू की खेती को बढ़ावा देगी योगी सरकार, 10 हजार किसानों की बढ़ेगी आय
बॉर्डर से बाजार तक बढ़ी एसएसबी की निगरानी, आशंका होते ही दर्ज होगी रिपोर्ट
यूपी में पलेंगी स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय, सरकार देगी पालकों को अनुदान
धान की रोपाई करने खेत पहुंच गए कृषि मंत्री, कहा उत्पादन बढ़ाने के लिए करें काम
PM Kisan 20th Installment: पीएम किसान योजना को लेकर बड़ा अपडेट, जानें कब आएगी 20वीं किस्त
कपास उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय बनाएगा रोडमैप
लखनऊ में बनेगा प्रदेश का पहला बीज पार्क
आम महोत्सव तक लेकर जाएंगी सरकारी बसें, मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन
लखनऊ में होगा तीन दिवसीय आम महोत्सव
किसान उर्वरक के लिए न हों परेशान, पीसीएफ कर सकती है मदद
खरपतवारनाशी पर 50 प्रतिशत अनुदान दे रही सरकार