Farmer Subsidy Approved: किसानों के ऋण पर ब्याज सब्सिडी को मोदी कैबिनेट की मंजूरी

खबर सार :-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में हुई कैबिनेट बैठक में किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने किसानों को ऋण के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना यानी एमआईएसएस के तहत मिलने वाली छूट को जारी रखने की मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार ने किसानों के लिए आवश्यक निधि व्यवस्था को भी मंजूरी दे दी है।

Farmer Subsidy Approved: किसानों के ऋण पर ब्याज सब्सिडी को मोदी कैबिनेट की मंजूरी
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान किसानों को ऋण के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना यानी एमआईएसएस के तहत मिलने वाली छूट को जारी रखने की मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार ने किसानों के लिए आवश्यक निधि व्यवस्था को भी मंजूरी दी है।

केंद्र सरकार की एमआईएसएस योजना का उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराना है। इस योजना से किसानों को केसीसी के माध्यम से 3 लाख रुपए तक के अल्पकालिक ऋण 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर आसानी से मिल जाते हैं, जिसमें पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत ब्याज में छूट प्रदान की जाती है। इस योजना में ऋण का भुगतान समय पर करने वाले किसानों को शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में तीन प्रतिशत तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिससे केसीसी ऋणों पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से 4 प्रतिशत हो जाती है। एमआईएसएस योजना में पशुपालन या मत्स्य पालन के उद्देश्य से लिए गए ऋणों पर ब्याज लाभ 2 लाख रुपए तक लागू है। कैबिनेट में योजना की संरचना या अन्य घटकों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया गया है।

देश में केसीसी खाता धारकों की संख्या 7.75 करोड़ से अधिक

केंद्र सरकार के पास मौजूद आंकड़ों के अनुसार देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं। कृषि में संस्थागत ऋण के प्रवाह को बनाए रखने के लिए इस समर्थन को जारी रखना महत्वपूर्ण है, जो उत्पादकता बढ़ाने और छोटे तथा सीमांत किसानों के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। केसीसी के माध्यम से संस्थागत ऋण वितरण 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर दिसंबर 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपए हो गया है। कृषि विभाग से मिली सूचना के अनुसार कुल कृषि ऋण प्रवाह भी वित्त वर्ष 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अगस्त 2023 में किसान ऋण पोर्टल के शुभारंभ जैसे डिजिटल सुधारों ने क्लेम प्रोसेसिंग में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाया है।

किसानों की आय दोगुना करने में जुटी सरकार

केंद्र सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मौजूदा ऋण लागत प्रवृत्तियों, औसत एमसीएलआर और रेपो दर में उतार-चढ़ाव को देखते हुए, ग्रामीण और सहकारी बैंकों को समर्थन देने और किसानों के लिए कम लागत वाले ऋण तक निरंतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ब्याज छूट दर को 1.5 प्रतिशत पर बनाए रखना आवश्यक है। मंत्रिमंडल का निर्णय किसानों की आय को दोगुना करने, ग्रामीण क्रेडिट इकोसिस्टम को मजबूत करने और समय पर और किफायती ऋण पहुंच के माध्यम से कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।

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