बांटने को दिया बीज किसानों तक नहीं पहुंचा

खबर सार :-
कृषि मंत्री ने बीज वितरण व्यवस्था पर नाराजगी जताई और कहा कि खरीफ की फसल की बुवाई तथा आच्छादन की स्थिति सही करें। विभागीय समीक्षा को ध्यान में रखते हुए आगे काम करें। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी बीज का वितरण नहीं किया गया या छूट गया, वहां वितरण पूरा करें। मंत्रालय की ओर से प्रदेश में खेती को उन्नतशील बनाने के लिए खाद को कम इस्तेमाल करने के लिए कहा गया।

बांटने को दिया बीज किसानों तक नहीं पहुंचा
खबर विस्तार : -

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही द्वारा कृषि भवन स्थित सभागार में खरीफ की फसल की बुवाई तथा आच्छादन के संबंध में एक बैठक की गई। इसमें किसानों की समस्याओं तथा उनके समाधान के लिए चर्चा की गई। बैठक में संबंधित अधिकारियों को भी बुलाया गया था। कृषि मंत्री ने खरीफ फसल में बीजों की उपलब्धता, वितरण की जनपदवार गहन समीक्षा की। उन्होंने बीज वितरण की व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त की। अपर कृषि निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र) से कहा गया कि यदि कोई जनपद बीज वितरण से अवशेष रह गया हो तो तत्काल किसानों के मध्य वितरित करा लिया जाए। साथ ही किसानों को खरीफ की बुवाई के पूर्व जिप्सम की भी आपूर्ति लक्ष्य के अनुसार शत-प्रतिशत कराने के लिए कहा गया है।

उर्वरक अनुभाग के संबंध में कहा गया कि कृषि निदेशक खरीफ सीजन में मृदा परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर उर्वरक की उपलब्धता बनाएं। गुणवत्तापूर्वक उर्वरक की बिक्री हो इसकी भी सुनिश्चितता निर्धांरित करें। प्रमुख उर्वरकों के साथ किसी प्रकार की टैगिंग न की जाए। विभिन्न प्रकार की गोष्ठियों/मेलों/प्रशिक्षण के माध्यम से कृषकों में जागरूकता लाई जाए कि मृदा में जीवांश कार्बनिक खादों का ही प्रयोग करें एवं रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम से कम करें जिससे मृदा की उर्वरता स्तर में वृद्धि हो सके। कृषि रक्षा अनुभाग की समीक्षा करते हुए मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि डिजिटल क्राप सर्वे के आधार पर आच्छादित फसलों के क्षेत्रफल के अनुसार खरपतवारनाशी एवं उनमें संभावित कीट/रोगों के संक्रमण के अनुसार रसायनिक दवाओं की व्यवस्था समयानुसार पूर्व में कर ली जाए। प्रमुख सचिव (कृषि) के द्वारा कृषि निदेशक को निर्देशित किया गया कि रबी मौसम में बीजों की उपलब्धता के लिए जुलाई के प्रथम सप्ताह से प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार तैयारी सुनिश्चित कर लिया जाए।

इससे रबी मौसम के लिए कृषि निवेशों की उपलब्धता के संबंध में कृषकों को किसी भी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न हो सके। साथ ही सभी योजनाधिकारी आपस में समन्वय करते हुए यह सुनिश्चित कर लें कि रबी मौसम में कृषि निवेश की व्यवस्था एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में विपरीत स्थिति का सामना न करना पड़े। बैठक के अन्त मेंकृमंत्री द्वारा उपस्थित सभी वरिष्ठ अधिकारियों एवं योजनाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि खरीफ मौसम में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार उत्पादन प्राप्त करने हेतु प्रत्येक सप्ताह अपनी योजना के क्रियान्वयन की प्रगति हेतु जनपदों में भ्रमण कर अनवरत समीक्षा करें। इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र, सचिव कृषि, इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव कृषि, ओपी वर्मा, कृषि निदेशक डा. जितेन्द्र कुमार तोमर, प्रबन्ध निदेशक बीज विकास निगम पंकज त्रिपाठी, निदेशक उ.प्र. बीज प्रमाणीकरण संस्था टी.पी चौधरी, निदेशक राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान पीयूष कुमार शर्मा, सचिव उपकार हरेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं कृषि भवन के समस्त योजनाधिकारी उपस्थित रहे।
 

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