US President Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की संभावना को लेकर संकेत दिए हैं। यह बयान उन्होंने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में दिया, जब रूस ने अपने आक्रमण को तेज किया और युद्ध में कोई महत्वपूर्ण मोड़ नहीं आया। रविवार को वाशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान, ट्रंप ने कहा कि वह रूस के खिलाफ दूसरे चरण के प्रतिबंधों को लागू करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये प्रतिबंध किस रूप में होंगे।
जब ट्रंप से यह सवाल पूछा गया कि क्या वह रूस के खिलाफ और कड़े प्रतिबंध लागू करने के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने संक्षेप में जवाब दिया, हां, मैं तैयार हूं। हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि ये प्रतिबंध क्या होंगे या किन देशों को प्रभावित करेंगे। इससे यह स्पष्ट नहीं हुआ कि अमेरिका का अगला कदम क्या होगा, लेकिन यह संकेत मिलता है कि अमेरिका रूस के खिलाफ अपनी नीति को और सख्त करने जा रहा है।
अगस्त महीने में, ट्रंप ने चीन को लेकर भी बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन, जो रूस से तेल खरीदता है, को लेकर कुछ निर्णय लिया जा सकता है। इस बयान में यह भी उल्लेख किया गया था कि रूस को लेकर ट्रंप दो या तीन हफ्तों में कुछ कदम उठाने का विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने रूस के खिलाफ तेल प्रतिबंधों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था और उस पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाया था। हालांकि, ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शांति प्रक्रिया की बात की थी, जिसमें तीन सप्ताह पहले दोनों के बीच एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। लेकिन इस शिखर सम्मेलन का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई। रूस ने यूक्रेन पर अपने हमले और तेज कर दिए हैं।
इस बीच, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हासेट ने भी संकेत दिया कि अब रूस पर प्रतिबंधों को लेकर चर्चा और विचार-विमर्श किया जा सकता है। इस पर मीडिया से बात करते हुए हासेट ने कहा कि यह अंततः राष्ट्रपति पर निर्भर करता है। लेकिन, यह एक बहुत निराशाजनक स्थिति है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस द्वारा किए गए हमलों में वृद्धि के बाद यह वक्त की जरूरत बन गई है कि अमेरिका और उसके सहयोगी रूस पर नए प्रतिबंध लगाने पर विचार करें।
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने एक संभावित कदम के रूप में रूस के तेल खरीदारों पर नए प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ मिलकर रूस पर दबाव बना सकते हैं, ताकि वह बातचीत की मेज पर आए। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यूरोपीय संघ रूस से सीधे गैस खरीद रहा है और भारत भी अप्रत्यक्ष रूप से रूस से तेल खरीद रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया कि यूरोपीय देशों का रूसी तेल और गैस खरीदने का रवैया ठीक नहीं है। उन्होंने इसे 'दोहरे मापदंड' की नीति करार दिया। जेलेंस्की ने इस बात का समर्थन किया कि भारत पर दंडात्मक प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए, और इसे 'सही विचार' बताया।
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