रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करवाने में अमेरिका की मदद करेगा बीजिंग, ट्रंप अगले साल अप्रैल में जाएंगे चीन

खबर सार :-
ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात ने अमेरिका-चीन संबंधों को नई दिशा दी है। दोनों देशों का मिलकर रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने का संकल्प वैश्विक शांति की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। ट्रंप का आगामी चीन दौरा इस साझेदारी को और मजबूत कर सकता है। आने वाले महीनों में दुनिया इन दो शक्तियों की कूटनीतिक पहल पर नजर रखेगी।

रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करवाने में अमेरिका की मदद करेगा बीजिंग, ट्रंप अगले साल अप्रैल में जाएंगे चीन
खबर विस्तार : -

वाशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच हालिया वार्ता ने वैश्विक कूटनीति में नई हलचल मचा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया कि उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात “बेहद सफल” रही। दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे विवादों पर विस्तार से चर्चा हुई और कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। ट्रंप ने बताया कि वह अगले साल अप्रैल में चीन का दौरा करेंगे, जबकि शी जिनपिंग उसके बाद अमेरिका की यात्रा पर आएंगे।

यूक्रेन युद्ध को लेकर नई पहल

ट्रंप ने कहा कि शी जिनपिंग ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में अमेरिका के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। दोनों नेताओं ने दक्षिण कोरिया के बुसान में हुई बैठक में यूक्रेन की स्थिति पर गहन चर्चा की। ट्रंप के अनुसार, “हम यह देखने की कोशिश करेंगे कि क्या हम उस युद्ध को खत्म कर सकते हैं। शी हमारी मदद करेंगे और हम यूक्रेन पर साथ मिलकर काम करेंगे।” ट्रंप ने यह भी कहा कि कभी-कभी संघर्षरत पक्षों को “लड़ने देना पड़ता है”, लेकिन अब समय है कि दोनों महाशक्तियां युद्ध खत्म करने के लिए संयुक्त प्रयास करें।

तेल प्रतिबंधों पर कोई चर्चा नहीं

ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उन्होंने बैठक के दौरान चीन द्वारा रूसी तेल खरीदने के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की। हाल ही में अमेरिका ने दो प्रमुख रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए थे, जिसके चलते कई चीनी और भारतीय कंपनियों के ऑर्डर निलंबित कर दिए गए। अमेरिका पहले भी रूस से तेल खरीद बंद करने की अपील कर चुका है, लेकिन चीन और भारत ने इसे बड़े पैमाने पर नजरअंदाज किया है।

ट्रंप-जिनपिंग बैठक को “12 में से 12” रेटिंग

ट्रंप ने जिनपिंग के साथ मुलाकात को बेहद सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा, “शून्य से दस के पैमाने पर, जिसमें दस सबसे अच्छा है, मैं कहूंगा कि यह बैठक बारह थी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका-चीन संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं और हालिया वार्ता से दोनों देशों के बीच नई शुरुआत का रास्ता खुलेगा। हालांकि, अब तक चीन की ओर से इस बैठक पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि जिन मुद्दों पर सहमति बनी है, उन पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे।

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