Nimisha Priya: भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया की यमन में फांसी टल गई है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब निमिषा की फांसी बुधवार, 16 जुलाई को तय थी। भारत सरकार इस मामले में काफी कोशिश कर रही थी, आखिरकार सजा टल गई। यमन की एक अदालत ने हत्या के एक मामले में निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई थी। वह 2017 से यमन की जेल में बंद है।
दरअसल, केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा करीब दो दशक पहले अपने पति और बेटी के साथ यमन गई थीं। वह यहीं काम कर रही थीं। यमन में गृहयुद्ध के कारण 2016 में देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन उससे पहले ही 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए। निमिषा वापस नहीं आ सकीं। इसके बाद 2017 में उन पर नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप था। इस मामले में भी उन्हें दोषी पाया गया था। आरोप यह था कि उन्होंने महदी का पासपोर्ट जमा करवाने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया था जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी।
बता दें कि यमन में शरिया कानून लागू है। इसलिए निमिषा को भी इसी कानून के तहत मौत की सज़ा दी गई थी। हालांकि इस कानून में क्षमादान का प्रावधान है। दरअसल ब्लड मनी नामक एक प्रथा है, जिसके तहत हत्या के दोषी को क्षमादान दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए उसे मृतक के परिवार को मुआवज़े के तौर पर एक बड़ी रकम देनी होती है।
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