Nepal Takhtapalat: नेपाल में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का इस्तीफा, सेना के हाथ में कमान

खबर सार :-
नेपाल में सत्ता परिवर्तन ने देश में अस्थिरता का नया दौर शुरू कर दिया है। हिंसक विरोध प्रदर्शन, सत्ता संघर्ष, और बढ़ते सुरक्षा खतरे ने नेपाल को एक बड़े राजनीतिक संकट में धकेल दिया है। अब यह देखना होगा कि देश किस दिशा में जाता है और कब स्थिति सामान्य होती है। इस संकट के समाधान के लिए तत्काल प्रभाव से ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि नेपाल में शांति और लोकतंत्र की बहाली हो सके।

Nepal Takhtapalat: नेपाल में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का इस्तीफा, सेना के हाथ में कमान
खबर विस्तार : -

Nepal Protest: नेपाल में राजनीतिक संकट ने विकराल रूप ले लिया है, जिससे देश में अस्थिरता और हिंसा फैल गई है। बुधवार, 7 अक्टूबर 2025 को, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफे ऐसे समय में हुए जब राजधानी काठमांडू सहित पूरे नेपाल में युवा प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे। उनके विरोध का कारण सरकार के भ्रष्टाचार, आंतरिक कलह, और प्रशासनिक असमर्थता थी। प्रदर्शनकारियों ने सत्ता की खामियों और शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतरकर कई महत्वपूर्ण संस्थानों पर हमले किए। इस हिंसक आंदोलन में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।

Political Crisis in Nepal: प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और हिंसा

काठमांडू में सोमवार को जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, तो स्थिति और भी बिगड़ गई। पुलिस की गोलियों से 20 छात्र प्रदर्शनकारी मारे गए, जबकि 400 से अधिक लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारी, जो मुख्य रूप से युवा और छात्र थे, ने न केवल पुलिस के खिलाफ बल्कि सरकार के खिलाफ भी कड़ा विरोध जताया। उनका आरोप था कि नेपाल के नेताओं ने उनके भविष्य से खिलवाड़ किया है और जनता की उम्मीदों के साथ धोखा किया है। काठमांडू के कालिमाटी इलाके में मंगलवार को पुलिस की गोलीबारी में दो और युवाओं की जान चली गई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 तक पहुँच गई। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, नेताओं के आवास और सरकारी दफ्तरों पर हमला किया, जहां कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ की गई।

Takhtapalt in Nepal: कर्फ्यू और सेना की तैनाती

स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। सुरखेत जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू किया गया है। काठमांडू और अन्य प्रमुख शहरों में सेना और पुलिस बल तैनात किए गए हैं। इसने देश में एक भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है, और अधिकांश शहरों में जीवन सामान्य से बहुत दूर है।

Future of Nepal:  तख्तापलट और भविष्य के सवाल

नेपाल में सत्ता परिवर्तन और तख्तापलट की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगले कुछ दिनों में देश की बागडोर किसके हाथ में आएगी। क्या सेना पूरी तरह से सत्ता पर काबिज हो जाएगी, या फिर एक नए नेतृत्व के साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया फिर से शुरू होगी? इस बीच, काठमांडू में लोग अगले फैसले का इंतजार कर रहे हैं। आम जनता के जीवन में अस्थिरता और अराजकता व्याप्त है, और राजनीतिक भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।

Interim Prime Minister: बालेंद्र शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग

काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह, जिनका नाम अब नेपाल की राजनीति में तेजी से सामने आ रहा है, को लेकर जनता के बीच बहुत उत्साह है। जनता उन्हें नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रही है। इस बीच बालेंद्र ने जनता ने शांति बनाए रखने की अपील भी की है। 2022 में काठमांडू के मेयर के तौर पर चुनाव जीतने के बाद बालेंद्र शाह ने राजनीति में एक नई दिशा दी। वह एक युवा नेता हैं, जिन्होंने काठमांडू में नागरिकों के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए, जैसे कि सड़कों की सफाई और टैक्स चोरी के खिलाफ कार्रवाई। उनकी इस कार्यशैली ने उन्हें खासकर युवाओं में एक आदर्श बना दिया है।

Advisory: भारत ने नेपाल की स्थिति पर जताई चिंता

नेपाल की बिगड़ती स्थिति पर भारत ने गंभीर चिंता जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी नागरिकों को नेपाल यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है। जो लोग पहले से नेपाल में मौजूद हैं, उन्हें स्थानीय प्रशासन और भारतीय दूतावास से सुरक्षा सलाहों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। भारतीय दूतावास ने संकट की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में भारतीय नागरिक सहायता प्राप्त कर सकें। भारत ने नेपाल में मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई है और उम्मीद की है कि नेपाल जल्द ही शांति और स्थिरता की ओर बढ़ेगा।

अन्य प्रमुख खबरें