France Protest: नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है। Gen-Z के आंदोलन ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। वहीं अब फ्रांस की सड़कों पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। जिसे 'ब्लॉक एवरीथिंग' (Block Everything Movement) नाम दिया गया। राजधानी पेरिस और अन्य प्रमुख शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने आगजनी कर कूड़ेदानों और बैरिकेड्स से सड़कें जाम कर दीं। इस दौरान भीड़ ने चौराहों को घेर लिया और पुलिस पर पटाखे और बोतलें फेंकी।
दरअसल जनता सरकार की नीतियों का विरोध (France Protest) कर रही है साथ ही राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्तीफे की मांग कर रही है। ब्लॉक एव्रीथिंग मूवमेंट (Block Everything Movement) के बाद भारी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। पेरिस में हर तरफ आगजनी देखने को मिल रही है। इस दौरान पुलिस ने 200 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में ले लिया है।
गृह मंत्री ने प्रदर्शनकारियों पर विद्रोह का माहौल बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। फ्रांस बंद का आह्वान वामपंथी दलों ने किया है। इस प्रदर्शन को 'ब्लॉक एवरीथिंग' नाम दिया गया है। सरकार ने 80 हज़ार पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। अधिकारियों ने बताया कि देश भर में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है ताकि जल्द से जल्द सभी अवरोधों को हटाया जा सके। पुलिस का कहना है कि ये लोग सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने की कोशिश कर रहे थे।
फ्रांस की जनता का एक बड़ा वर्ग मानता है कि राष्ट्रपति मैक्रों की नीतियां आम लोगों के हितों के विरुद्ध हैं और धनी वर्ग को फ़ायदा पहुंचाती हैं। दूसरा कारण यह है कि सरकार ने खर्चों में कटौती और कल्याणकारी योजनाओं में कटौती करके आर्थिक सुधार लागू किए हैं। इससे आम जनता, खासकर मध्यम वर्ग और मजदूर वर्ग पर दबाव बढ़ा है।
इसके अलावा, हाल ही में सेबेस्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री बनाया गया है। वह दो साल से भी कम समय में पाँचवें प्रधानमंत्री हैं। इससे लोगों में अस्थिरता और असंतोष बढ़ा है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि उनकी नियुक्ति के बाद से ही सरकार पर दबाव बनाया जाए।
दरअसल यह विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया पर 'ब्लॉक एवरीथिंग' के आह्वान के साथ शुरू हुए और अब लोग संगठित तरीके से विरोध प्रदर्शन के लिए उतर आए हैं। वामपंथी गठबंधन और जमीनी संगठनों ने 'Block Everything' के नारे के साथ एक आंदोलन शुरू किया है ताकि देश में सब कुछ बंद किया जा सके और सरकार को झुकने के लिए मजबूर किया जा सके।
बता दें कि ये विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहे हैं जब फ्रांस के नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू कार्यभार संभालने वाले हैं। एक दिन पहले ही फ्रांस्वा बायरू ने अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
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