AI Startup: पराग अग्रवाल की वापसी, Parallel AI स्टार्टअप से नई टेक्नोलॉजी की दुनिया में कदम

खबर सार :-
ट्विटर के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल ने नया AI स्टार्टअप Parallel Web Systems लॉन्च किया है. ये प्लेटफॉर्म GPT-5 से भी बेहतर रिसर्च इंजन देने का दावा कर रहा है। कंपनी ने अब तक 30 मिलियन डॉलर फंडिंग जुटाई है।

AI Startup: पराग अग्रवाल की वापसी, Parallel AI स्टार्टअप से नई टेक्नोलॉजी की दुनिया में कदम
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः दुनिया की सभी नामचीन कंपनियों में सर्वोच्च पदों पर भारतीय बैठे हैं। सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत और भारतीयों की अहमियत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में ट्विटर (अब X) के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह कोई कॉर्पोरेट विवाद नहीं, बल्कि उनकी नई टेक्नोलॉजी पहल है। पराग अग्रवाल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में 'Parallel Web Systems Inc.' नाम से एक नया स्टार्टअप लॉन्च किया है, जो AI को इंटरनेट से डेटा सर्च करने और वेरिफाई करने में सक्षम बनाता है।

यह कंपनी 2023 में अस्तित्व में आई थी, लेकिन अब जाकर इसकी तकनीकी क्षमताएं और व्यावसायिक योजनाएं सामने आई हैं। Parallel एक AI रिसर्च इंजन की तरह काम करता है, जो इंटरनेट से तेज़, गहराई से और भरोसेमंद जानकारी जुटाने के लिए तैयार किया गया है।

जानें क्या है Parallel की खासियत...

Parallel स्टार्टअप क्लाउड-बेस्ड AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है। कंपनी ने अब तक 8 रिसर्च इंजिन बनाए हैं। इनमे Ultra8x नामक इंजन इतना पावरफुल है कि यह 30 मिनट तक लगातार इंटरनेट पर गहरी रिसर्च कर सकता है। वहीं, सबसे तेज़ इंजन एक मिनट से भी कम समय में प्राथमिक जानकारी इकट्ठा कर सकता है। कंपनी के अनुसार Ultra8x ने कई बेंचमार्क टेस्ट्स जैसे BrowseComp और DeepResearch Bench पर GPT-5 को भी पीछे छोड़ दिया है। ये टेस्ट AI मॉडल्स के वास्तविक इंटरनेट ब्राउज़िंग और रिसर्च क्षमता को मापते हैं।

कहां और कैसे होगा Parallel का उपयोग?

Parallel एक विशुद्ध तकनीकी प्रोडक्ट है, जिसे विभिन्न इंडस्ट्रीज में इस्तेमाल किया जा सकता है।
AI डेवलपर्स इसे GitHub जैसे प्लेटफॉर्म से लाइव कोड स्निपेट्स लेने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
रिटेल कंपनियां प्रतियोगियों की प्रोडक्ट लिस्टिंग की निगरानी कर सकती हैं।
मार्केट एनालिस्ट्स हजारों रिव्यू को एक क्लिक में स्प्रेडशीट में बदल सकते हैं।
डेवलपर्स Parallel को अपने टूल्स में 3 अलग-अलग APIs के ज़रिए इंटीग्रेट कर सकते हैं। इनमें से एक खासतौर पर लो-लेटेंसी चैटबॉट्स के लिए डिज़ाइन किया गया है।

निवेश और भविष्य की दिशा

कंपनी पालो आल्टो (कैलिफ़ोर्निया) में स्थित है और इसमें अभी करीब 25 लोगों की टीम काम कर रही है। Parallel को Khosla Ventures, First Round Capital और Index Ventures जैसे बड़े वेंचर फंड्स से $30 मिलियन (लगभग ₹250 करोड़) की फंडिंग मिल चुकी है। यह फंडिंग इस बात का संकेत है कि निवेशक पराग अग्रवाल के विजन पर भरोसा कर रहे हैं।

पराग की 'ट्विटर के बाद की कहानी'

ट्विटर से विवादास्पद विदाई के बाद यह स्टार्टअप पराग अग्रवाल की तकनीकी विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता का नया परिचय है। Parallel न सिर्फ AI के इस्तेमाल के तरीके को बदल सकता है, बल्कि यह Google जैसे सर्च इंजन मॉडल्स को भी टक्कर देने का संकेत देता है–विशेष रूप से रिसर्च-बेस्ड एप्लिकेशन में। जहां GPT जैसे मॉडल्स ज्यादातर ट्रेन्ड डेटा पर आधारित हैं, वहीं Parallel का उद्देश्य है “रीयल-टाइम वेब रिसर्च” को AI के लिए सुलभ बनाना। अगर यह मॉडल स्केलेबल और सटीक बना रहता है, तो आने वाले समय में यह AI इंडस्ट्री में एक गेमचेंजर साबित हो सकता है।

अन्य प्रमुख खबरें