सबरीमाला सोना चोरी मामला: टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष पद्मकुमार गिरफ्तार

खबर सार :-
सबरीमाला सोना चोरी मामला अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष पद्मकुमार की गिरफ्तारी और पूर्व कमिश्नर वासु से कड़ी पूछताछ ने जांच को नई दिशा दी है। एसआईटी को कई अहम बयान और सबूत प्राप्त हुए हैं, जिनसे संस्थागत स्तर पर हुई अनियमितताओं का खुलासा होने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में बड़ी साजिश बेनकाब हो सकती है।

सबरीमाला सोना चोरी मामला: टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष पद्मकुमार गिरफ्तार
खबर विस्तार : -

तिरुवनंतपुरम: सबरीमाला मंदिर से सोने की परत चढ़ी चादरों की कथित चोरी के बहुचर्चित मामले में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के पूर्व अध्यक्ष पद्मकुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी के साथ इस मामले में पकड़े गए लोगों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। सूत्रों के अनुसार, एसआईटी ने उनसे कई घंटे पूछताछ की, जिसके बाद ठोस सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी दर्ज की गई। पद्मकुमार 1991-96 तक कोन्नी विधानसभा क्षेत्र से CPI(M) के विधायक भी रह चुके हैं।

2019 में सोना परत हटाने की मंजूरी पर सवाल

एसआईटी की शुरुआती जांच के अनुसार, 2019 में पद्मकुमार के अध्यक्ष रहते हुए सबरीमाला गर्भगृह के चारों ओर स्थित कट्टिलप्पाडी से सोने की परत चढ़ी चादरों को हटाने की अनुमति दी गई थी। जांच एजेंसी का आरोप है कि यह अनुमति बोर्ड स्तर की मंजूरी से दी गई और गोल्ड शीट फ्रॉड उनकी पूरी जानकारी में हुआ। एफआईआर में भी यह स्पष्ट तौर पर उल्लेखित है कि सोने की परत हटाकर उसे एक कॉन्ट्रैक्टर को सौंप दिया गया था।

अधिकारियों के बयान बने गिरफ्तारी की मुख्य वजह

जांच के दौरान पूर्व एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर मुरारी बाबू सहित कई अधिकारियों ने एसआईटी को बताया कि निर्णय बोर्ड स्तर पर लिया गया था। वहीं, पद्मकुमार के कार्यकाल के दौरान उनके करीबी कर्मचारियों ने भी इसी प्रकार के बयान दिए, जिससे आरोपों की पुष्टि और मजबूत हो गई। जांच टीम का दावा है कि पद्मकुमार के आदेश पर संबंधित कॉन्ट्रैक्टर को सबरीमाला परिसर में बिना किसी रोक-टोक प्रवेश की अनुमति दी गई थी। इससे विजिलेंस द्वारा पूर्व में जताई गई “संस्थागत भागीदारी” की आशंका को भी बल मिला है।

एसआईटी की कस्टडी में पूर्व कमिश्नर वासु

इस बीच देवस्वोम बोर्ड के पूर्व कमिश्नर और बोर्ड अध्यक्ष एन. वासु, जो इस केस के तीसरे आरोपी हैं, को दोबारा एसआईटी कस्टडी में भेज दिया गया है। उन्हें भारी पुलिस सुरक्षा के साथ कोर्ट में पेश किया गया। गिरफ्तार किए गए अन्य व्यक्तियों में मुख्य आरोपी ‘स्पॉन्सर’ उन्नीकृष्णन पोट्टी, एक वर्तमान अधिकारी और तीन रिटायर्ड अधिकारी शामिल हैं। पद्मकुमार की गिरफ्तारी और वासु से चल रही पूछताछ के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि एसआईटी जल्द ही चोरी की साजिश के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर सकती है। जांच अधिकारियों का कहना है कि कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं जो मामले की जड़ तक पहुंचने में मदद करेंगे।

 

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