लखनऊः शहर के हजारों लोगों को रोज पीने का पानी कठौता झील से ही दिया जाता है। इस झील की डिसिल्टिंग (गाद हटाने) के कार्य में भारी लापरवाही बरती जा रही है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर जलकल विभाग के महाप्रबंधक ने जल निगम (नगरीय) को पत्र लिखकर सख्त नाराजगी जताई है। महाप्रबंधक ने अपने पत्र में कहा है कि कठौता झील की सफाई में सुधार किया जाए। झील से निकाली गई सिल्ट सड़क पर फैल चुकी है। इससे लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पत्र में जलकल महाप्रबंधक की ओर से कहा गया है कि राहगीरों या स्थानीय लोगों की दिक्कतों को दूर करना हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए सफाई कार्य में सुधार कर सड़क पर फैली सिल्ट और मिट्टी हटा ली जाए। दरअसल, तृतीय जलकल परिसर में 80 एमएलडी क्षमता वाले जल शोधन संयंत्र के संचालन के लिए झील से गाद निकालने का कार्य जल निगम द्वारा कराया जा रहा है। इस काम के दौरान सड़क किनारे बड़ी मात्रा में सिल्ट (गाद) डाल दी गई है, जिससे पूरे क्षेत्र में धूल-मिट्टी का अंबार लग गया है।
न तो समय पर मिट्टी हटाई जा रही है और न ही पानी का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे धूल उड़कर लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। स्थानीय निवासियों ने लगातार इस लापरवाही की शिकायतें की हैं। सड़कों पर उड़ती धूल के कारण बच्चों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। विकल्प खंड की निवासियों ने भी शिकायत करते हुए कहा कि खाली प्लॉटों में मिट्टी डंप कर दी गई है। इससे मुसीबत और बढ़ गई है। महाप्रबंधक ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि जल निगम की इस लापरवाही से जलकल विभाग और नगर निगम लखनऊ की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
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