लखनऊः नगर निगम को उसकी 15 करोड़ की जमीन मिल गई। पिछले करीब दो महीने से इस जमीन को छुड़ाने के लिए अधिकारी कवायद कर रहे थे। कानूनी दांव नगर निगम के पक्ष में होने के बाद भी भूमाफियाओं से बंजर और तालाब को मुक्त कराने में अधिकारियों को पसीना बहाना पड़ गया। नगर निगम के पास ऐसे तमाम अभिलेख हैं, जिसमें यह बताया गया है कि कई तालाब और बंजर जमीन सरकारी होने के कारण निगम का उस पर अधिकार है, लेकिन यह भूमाफियाओं के कब्जे में है। ऐसी जमीन भूमाफियाओं से छुड़ाने के लिए अधिकारियों को कोर्ट का भी सहारा लेना पड़ रहा है। ग्राम नटकुर में 1.697 हेक्टेयर भूमि पर भी कब्जेदार हावी थे, लेकिन मंडलायुक्त और नगर आयुक्त के सख्त रवैये के कारण उनकी एक नहीं चली। इस जमीन को मुक्त करा लिया गया।
मंडलायुक्त लखनऊ एवं नगर निगम आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के निर्देश पर सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत 15 अप्रैल को एक बड़ी कार्रवाई की गई। इस अभियान के अंतर्गत अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में गठित विशेष टीम ने ग्राम नटकुर, तहसील सरोजनीनगर में नगर निगम की स्वामित्व वाली बहुमूल्य भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। ग्राम नटकुर की विभिन्न गाटा संख्याओं 811मि, 814, 815, 816, 817, 818, 819, 822, 823, 1013, 1014, 1015, 1024, 1027 व 1028 पर कुछ लोगों ने गलत तरीके से कब्जा कर रखा था।
इस जमीन का कुल क्षेत्रफल लगभग 1.697 हेक्टेयर है। यह भूमि राजस्व अभिलेखों में बंजर, तालाब, नवीन परती व ऊसर के रूप में दर्ज है। यह नगर निगम की संपत्ति मानी जाती है। जानकारी के अनुसार, इन भूखंडों पर कुछ स्थानीय लोगों एवं प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा झाड़ियां उगाकर, रास्ते बनाकर, नींव भरकर व बाउंड्री वॉल बनाकर प्लाटिंग कार्य किया जा रहा था। इससे सरकारी भूमि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था। टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी की सहायता से अवैध निर्माण ढहा दिया। यह पूरे क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त कराने में सफलता मिली।
नगर निगम द्वारा मौके पर 08 बोर्ड लगाए गए, जिससे यह भूमि अब चिन्हित और संरक्षित रहे। यह कार्रवाई नगर निगम और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की गई। प्रभारी अधिकारी सम्पत्ति संजय यादव के निर्देशन में तहसीलदार अरविन्द पांडेय की ओर से गठित टीम ने इस अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न किया। टीम की ओर से नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार व विवेक सिंह (नायब तहसीलदार, तहसील सरोजनीनगर) का कहना है कि क्षेत्र में कई जगह पर अवैध कब्जे होने की शिकायत है। इसको मुक्त कराने के लिए कार्रवाई करनी पड़ेगी। अधिकारियों का कहना है कि अभियान रोज नहीं चलाया जा सकता है। कारण है कि कार्रवाई के दौरान कुछ स्थानीय लोगों विरोध शुरू हो जाता है। इस कार्रवाई के तहत मुक्त कराई गई 1.697 हेक्टेयर भूमि की बाजार कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये आंकी गई है।
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