Teachers Day 2025: बॉलीवुड की इन फिल्मों ने दी पढ़ाई के साथ जिंदगी की सीख, शिक्षक दिवस पर जरूर देखें ये फिल्में

खबर सार :-
Teachers Day 2025: देश में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, अंग्रेजी में शिक्षक दिवस। यह दिन हमारे शिक्षकों को समर्पित है। शिक्षक, जो हमें सुंदरता से नहीं, बल्कि सबसे ज़रूरी ज्ञान से मार्गदर्शन करते हैं। ऐसे में बॉलीवुड में शिक्षकों और छात्रों के अटूट रिश्ते पर आधारित कई फ़िल्में बनी हैं, जिन्हें देखकर आप इस रिश्ते के असली मायने जान पाएंगे।

Teachers Day 2025: बॉलीवुड की इन फिल्मों ने दी पढ़ाई के साथ जिंदगी की सीख, शिक्षक दिवस पर जरूर देखें ये फिल्में
खबर विस्तार : -

Teachers Day Special: शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। हालांकि दुनिया भर में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, लेकिन भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। इसके पीछे का कारण भारत के एक महान व्यक्तित्व से जुड़ा है। दरअसल, इसी दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म हुआ था। वे एक दार्शनिक, विद्वान, शिक्षक और राजनीतिज्ञ थे और शिक्षा के प्रति उनके समर्पित कार्यों ने उनके जन्मदिन को भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन बना दिया।

'शिक्षक दिवस' पर हम सभी अपने जीवन में शिक्षकों के योगदान को याद करते हैं। शिक्षक सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं देते बल्कि हमें जिंदगी के असल मायने भी सिखाते हैं। बॉलीवुड फिल्मों ने भी कई बार शिक्षकों के किरदारों को एक अलग नजरिए से दिखाया है, जो न सिर्फ शिक्षक, बल्कि प्रेरणादायक, मार्गदर्शक और जीवन बदलने वाले साबित हुए हैं। इस 'शिक्षक दिवस' पर, आइए बात करते हैं कुछ ऐसी ही बॉलीवुड फिल्मों के बारे में जिनमें शिक्षण शैलियों को विस्तार से समझाया गया है।

Teachers Day Special: इन फिल्मों की मदद से सीखें अनोखी टीचिंग 

सुपर 30 (Super 30) :- ऋतिक रोशन की 'सुपर 30' प्रसिद्ध शिक्षक आनंद कुमार की बायोपिक है, जो गरीब और मेधावी छात्रों को आईआईटी परीक्षा की तैयारी कराते हैं। आनंद कुमार की भूमिका बच्चों में आत्मविश्वास और आशा का संचार करती है। वह बच्चों को विश्वास दिलाते हैं कि गरीबी या सामाजिक स्थिति कभी भी उनके सपनों की राह में बाधा नहीं बन सकती। फ़िल्म ने शिक्षण के एक नए पहलू को दिखाया है, जिसमें बच्चों को प्रेरित करना और उनके सपनों के करीब लाना शामिल है।

3 इडियट्स (3 idiots )

'3 इडियट्स' में रैंचो का किरदार पढ़ाई को सिर्फ़ रटने की बजाय समझने पर ज़ोर देता है। इस किरदार को आमिर खान ने निभाया है। रैंचो के पढ़ाने के कई मज़ेदार और रचनात्मक तरीके हैं। इस फिल्म में दिखाया गया है कि शिक्षा में सिर्फ़ किताबें रटना ज़रूरी नहीं है, बल्कि उसे दिल से समझना और प्रयोग करना ज़रूरी है, ताकि बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।

तारे जमीन पर (Taare Zameen Par) 

आमिर खान की फ़िल्म 'तारे ज़मीन पर' दर्शाती है कि एक शिक्षक की सबसे बड़ी ताकत बच्चों के दिलों से जुड़ना होता है। फिल्म में दर्शील ने ईशान अवस्थी नाम के एक बच्चे की भूमिका निभाई है, जो डिस्प्रेक्सिया नामक बीमारी से ग्रस्त है, जो आमतौर पर स्कूल में समझ नहीं आती। वहीं, शिक्षक राम शंकर की भूमिका में आमिर खान उसे प्यार और धैर्य से पढ़ाते हैं। वह पहले उसकी कमज़ोरियों को समझते हैं और फिर उन्हें दूर करके उसकी खूबियों को सामने लाते हैं। इस फिल्म ने यह संदेश दिया कि शिक्षक को हर बच्चे की ज़रूरतों, भावनाओं और मुश्किलों को समझना चाहिए ताकि वे सही दिशा में प्रयास कर सकें।

हिचकी (Hichki )

यह फिल्म दर्शाती है कि हर बच्चा खास होता है, भले ही वह सामान्य शिक्षा प्रणाली में फिट न बैठता हो। रितु का किरदार निभा रही रानी मुखर्जी खुद एक बीमारी से जूझ रही हैं, लेकिन वह खास बच्चों को पढ़ाने में विश्वास रखती हैं। उनकी शिक्षण तकनीक हर बच्चे की क्षमता को पहचानना और उसे बढ़ावा देना है। फ़िल्म शिक्षण में सहानुभूति और समझ की जरूरत पर जोर देती है। फिल्म बताती है कि हर बच्चे की जरूरतें अलग होती हैं और शिक्षकों को उन्हें उसी के अनुसार पढ़ाना चाहिए।

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