तो क्या खत्म हो गया करुण नायर का करियर!

खबर सार :-
बीसीसीआई द्वारा करुण नायर को टेस्ट टीम से बाहर करना और चयनकर्ता अजीत अगरकर का बयान इस ओर संकेत करता है कि 33 वर्षीय नायर अब चयनकर्ताओं की प्राथमिकता नहीं हैं। इंग्लैंड के खिलाफ असफल वापसी और युवा खिलाड़ियों की मौजूदगी ने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को अनिश्चित बना दिया है। इस खिलाड़ी की टीम में वापसी अब बेहद कठिन नजर आ रही है, लेकिन असंभव नहीं।

तो क्या खत्म हो गया करुण नायर का करियर!
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा ने क्रिकेट हलकों में नई बहस को जन्म दे दिया है। टीम के चयन में युवाओं को प्राथमिकता देने के साथ ही कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को दरकिनार किया गया है। इस चयन की सबसे ज्यादा चर्चा जिस नाम को लेकर हो रही है, वह है करुण नायर।

करुण नायर, जो 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने तिहरे शतक के कारण सुर्खियों में आए थे, उन्हें इस बार की टीम से बाहर कर दिया गया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज में वापसी की थी और उन्हें 4 मैचों में खेलने का मौका मिला था। लेकिन उनका प्रदर्शन औसत से नीचे रहा – 8 पारियों में महज 205 रन।

मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की दो टूक

भारतीय क्रिकेट टीम का चयन करने के बाद बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने जब करुण नायर को बाहर करने की वजह बताई तो कई तरह के संकेत मिले। उन्होंने कहा कि हमें इंग्लैंड में करुण से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। हम हर खिलाड़ी को लगातार 15-20 मौके नहीं दे सकते। देवदत्त पड्डिकल लंबे समय से टीम के साथ जुड़े रहे हैं और उन्होंने हालिया सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस बयान से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि चयन समिति अब करुण नायर को भविष्य की योजना का हिस्सा नहीं मान रही है।

क्या खत्म हो चुका है नायर का अंतरराष्ट्रीय करियर?

करुण नायर अब 33 साल के हो चुके हैं। क्रिकेट में यह उम्र कोई बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती, लेकिन आज के प्रतिस्पर्धी युग में जब बीसीसीआई युवा खिलाड़ियों को तरजीह दे रही है, तो उम्र एक निर्णायक कारक बन जाती है। नायर ने घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने रणजी ट्रॉफी और भारत A के लिए कई अहम पारियां खेली हैं। उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि उन्हें 8 साल बाद इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाने के कारण अब उन्हें फिर से दरकिनार कर दिया गया है।

युवाओं पर भरोसा और अनुभवी खिलाड़ियों को अलविदा

बीसीसीआई और चयन समिति अब टीम निर्माण की प्रक्रिया में हैं जहां भविष्य की सोच के साथ टीम तैयार की जा रही है। शुभमन गिल को कप्तानी देना और रवींद्र जडेजा को उपकप्तानी देना इस सोच को दर्शाता है। देवदत्त पड्डिकल जैसे खिलाड़ियों को बार-बार मौका मिलना और करुण नायर को बाहर किया जाना इसी दिशा की ओर संकेत करता है।

 करुण नायर के मामले में यह साफ होता जा रहा है कि चयनकर्ता अब उनसे आगे की योजना पर काम कर रहे हैं। हालांकि, क्रिकेट में कुछ भी स्थायी नहीं होता। अगर नायर फिर से घरेलू क्रिकेट में बड़ी पारियां खेलते हैं और परिस्थितियां अनुकूल होती हैं, तो वापसी मुमकिन है – लेकिन फिलहाल वह दूर की कौड़ी लगती है।

करुण नायर के करियर का अब तक का सफर ऐसा रहा है:

टेस्ट मैच: 10

रन: 579

बेस्ट स्कोर: 303*

अर्धशतक: 1

शतक: 1 (तिहरा शतक)

वनडे मैच: 2

रन: 46

2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले नायर ने इतिहास रच दिया था। वीरेंद्र सहवाग के बाद वे भारत के दूसरे बल्लेबाज बने जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 300+ रन बनाए। लेकिन इसके बाद वे फॉर्म में नहीं लौट पाए।

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