Parliament Winter Session : 1 DEC से शीतकालीन सत्र की घोषणा, कांग्रेस ने सवाल उठाए, क्या है सरकार का इरादा?

खबर सार :-
Parliament Winter Session : बिहार चुनाव नतीजों के बाद संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा। कांग्रेस ने सत्र को छोटा और देरी से तय करने पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष ने मतदाता सूची पुनरीक्षण और 'वोट चोरी' जैसे मुद्दे उठाने की तैयारी की है। सरकार ने रचनात्मक सत्र की उम्मीद जताई है।

Parliament Winter Session  : 1 DEC से  शीतकालीन सत्र की घोषणा, कांग्रेस ने सवाल उठाए, क्या है सरकार का इरादा?
खबर विस्तार : -

Parliament Winter Session : संसद का शीतकालीन सत्र की शुरुआत 1 दिसंबर 2025 से होने जा रही है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा। शनिवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी घोषणा की। हालांकि, विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस, ने इस सत्र की घोषणा के साथ ही इसे लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस का कहना है कि सत्र असामान्य रूप से छोटा रखा गया है और इसका समय भी विलंब से तय किया गया है।

Parliament Winter Session  : क्या है कांग्रेस का आरोप?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि शीतकालीन सत्र का यह छोटा और देरी से तय किया गया आयोजन सरकार की विफलता को दिखाता है। यह साफ जाहिर करता है कि सरकार के पास न तो कोई महत्वपूर्ण विधेयक है, न ही चर्चा करने के लिए कोई मुद्दा। रमेश का आरोप है कि इस सत्र में बहस के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई है, और इसका उद्देश्य सिर्फ शेष कामकाजी दिनों में किसी तरह से सरकार की कार्यवाही को पूरी करना है।

Parliament Winter Session : सत्र की शुरुआत और बिहार चुनाव के नतीजे

सत्र की शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के ठीक दो हफ्ते बाद हो रही है। कांग्रेस ने संकेत दिया है कि इस सत्र के दौरान बिहार चुनाव के नतीजे गहरे असर डाल सकते हैं, और इसकी दिशा विपक्ष के मनोबल पर भी निर्भर करेगी। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कई मुद्दों को उठाने की योजना बनाई है, जिनमें मतदाता सूची में गहन पुनरीक्षण (SIR) और राज्यों में वोट चोरी के गंभीर आरोप शामिल हैं।

Parliament Winter Session  : शीतकालीन सत्र का इतिहास और पिछला हंगामा

पिछले मॉनसून सत्र के दौरान संसद का दो तिहाई समय हंगामे और व्यवधानों में ही बीत गया था, जिसके चलते केवल 15 विधेयक ही पारित हो सके थे। सत्र के समय का अधिकतर हिस्सा विपक्षी दलों द्वारा किए गए प्रदर्शनों और बहसों में खो गया था। इस बार सरकार को उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र का माहौल अधिक शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन विपक्ष का रवैया इस पर भारी प्रभाव डाल सकता है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस सत्र का उद्देश्य भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करना और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करना है। संसदीय सत्र को लेकर चल रही इस चर्चा में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि बिहार चुनाव के परिणामों के बाद यह सत्र शुरू होगा, और इससे संसद के अंदर का माहौल किस दिशा में जाएगा, यह देखना होगा। कांग्रेस ने पहले ही इसके छोटे और देरी से निर्धारित होने पर सवाल उठाए हैं, जबकि सरकार उम्मीद कर रही है कि यह सत्र रचनात्मक और सार्थक रहेगा।
 

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