अहमदाबाद: अहमदाबाद के जमालपुर इलाके में कांच की मस्जिद और शाह बड़ा कसम ट्रस्ट के कथित ट्रस्टियों ने अवैध निर्माण कर करीब 20 साल तक किराया वसूला। यह रकम वक्फ बोर्ड में जमा नहीं कराने पर पुलिस ने सलीम खान समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने वक्फ बोर्ड और अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की ओर से दी गई जमीन पर अवैध दुकानें और मकान बनाकर लाखों रुपये किराया वसूला।
एफआईआर के मुताबिक पांचों आरोपी वक्फ बोर्ड के ट्रस्टी न होते हुए भी लोगों से किराया वसूलते थे। जानकारी के मुताबिक जमालपुर कांच की मस्जिद के पास रहने वाले मोहम्मद रफीक अंसारी ने इस संबंध में गायकवाड़ हवेली स्थित पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर के मुताबिक शिकायतकर्ता मोहम्मद रफीक अंसारी ने बताया कि वह कांच की मस्जिद ट्रस्ट की संपत्ति में सालों से रह रहे हैं। ट्रस्ट के सभी पुराने ट्रस्टियों की मौत हो चुकी है।
मस्जिद ट्रस्ट के पास मस्जिद से सटा हुआ एक प्लॉट है। सालों पहले ट्रस्टियों ने यह जमीन एएमसी को सौंप दी थी। इस जमीन पर एएमसी को स्कूल बनाना था। वर्ष 2001 में आए भूकंप के दौरान स्कूल की इमारत जर्जर हो गई थी। इसका नाजायज फायदा उठाते हुए वर्ष 2009 में कथित ट्रस्टियों ने स्कूल की इमारत को गिरा दिया और वहां दूसरा उर्दू स्कूल नहीं बनाया। इस जगह पर 10 दुकानें बना दी गईं। सलीम खान ने सौदागर कंस्ट्रक्शन के नाम से दफ्तर खोलकर बाकी 9 दुकानें किराए पर दे दी। दुकानों से होने वाली किराए की आय न तो ट्रस्ट के खाते में जमा की गई और न ही एएमसी के पास जमा की गई।
सलीम खान ने एएमसी और वक्फ बोर्ड के साथ धोखाधड़ी की। अहमदाबाद जोन 3 के प्रभारी डीसीपी भरत राठौड़ ने बताया कि आरोपियों ने कुल 100 करोड़ रुपए की संपत्ति पर लोगों से किराया वसूला है। किराए पर दिए गए मकानों से प्रति मकान 5 से 7 हजार रुपए और 10 दुकानों से प्रति दुकान 10 हजार रुपए वसूले गए। आरोपियों ने वर्ष 2005 से ट्रस्ट का किराया वसूला और उसका इस्तेमाल अपने निजी कामों में किया। मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सलीम खान, महबूब खान और अन्य लोग वक्फ बोर्ड में ट्रस्टी नहीं थे, इसके बावजूद वे ट्रस्ट की संपत्ति से अवैध रूप से किराया वसूलते थे। इन कथित ट्रस्टियों ने ट्रस्ट की संपत्ति पर वर्ष 2005 से अब तक 25 से 30 दुकानें, 200 मकान और दो अवैध 6 मंजिला अपार्टमेंट भी बनवाए थे।
इन सबका इस्तेमाल वे अपने लिए करते थे। आरोप के मुताबिक शाह बड़ा कासिम ट्रस्ट के पास एक दान पेटी भी है, जिसमें हर महीने 50 हजार रुपए आते हैं। यह आय भी कथित ट्रस्टी ही लेते थे। जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपी सलीम खान के खिलाफ हत्या समेत अन्य आपराधिक मामले पहले से ही दर्ज हैं। आरोपी ने 23 जुलाई 2024 को झूठे हलफनामे के साथ बोर्ड को ट्रस्टी होने की जानकारी सौंपी थी। सलीम के अलावा आरोपियों में मोहम्मद यासर शेख, महमूद खान पठान, फैज मोहम्मद जोबदार, शाहिद अहमद शेख का नाम भी शामिल है।
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