विकसित भारत जी राम जी’ से ग्रामीण रोजगार को नई दिशा

खबर सार :-
‘विकसित भारत जी राम जी’ ग्रामीण रोजगार गारंटी को अधिक मजबूत और भरोसेमंद बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। यह कानून न केवल रोजगार के दिनों की गारंटी बढ़ाता है, बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और स्थानीय सहभागिता को भी मजबूत करता है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।

विकसित भारत जी राम जी’ से ग्रामीण रोजगार को नई दिशा
खबर विस्तार : -

VB-G Ram G: केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित भारत जी राम जी’ को लेकर एक लेख साझा करते हुए कहा है कि यह कानून ग्रामीण रोजगार गारंटी व्यवस्था को अधिक मजबूत, पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कल्याणकारी सुधारों पर सार्वजनिक बहस लोकतंत्र को मजबूत करती है और नए कानून को उसी भावना से देखा जाना चाहिए।

अधिकारों को कमजोर नहीं, अधिक भरोसेमंद बनाता है कानून

शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि यह कानून मौजूदा अधिकारों को कम नहीं करता, बल्कि उनकी कमियों को ईमानदारी से दूर करता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण रोजगार व्यवस्था की समस्या इरादों की नहीं, बल्कि ढांचागत खामियों की थी। ‘विकसित भारत जी राम जी’ इन्हीं खामियों को दूर करने का प्रयास है, जिससे कानून को जमीन पर बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।

125 दिनों की कानूनी रोजगार गारंटी

इस कानून की सबसे अहम विशेषता यह है कि हर ग्रामीण परिवार को साल में 125 दिनों के मजदूरी वाले रोजगार की कानूनी गारंटी दी गई है। यह व्यवस्था मनरेगा से आगे बढ़ते हुए पुराने अयोग्यता प्रावधानों को समाप्त करती है। साथ ही आवेदन के 15 दिनों के भीतर रोजगार न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता देना अब कानूनी अधिकार बन गया है।

पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

केंद्रीय मंत्री के अनुसार नए कानून में पारदर्शिता, सोशल ऑडिट, शिकायत निवारण और जवाबदेही को कानूनी रूप से और मजबूत किया गया है। इससे मजदूरों को समय पर उनका हक मिलने की संभावना बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि अधिकार तभी सार्थक होते हैं, जब वे भरोसेमंद और लागू करने योग्य हों।

मांग-आधारित रोजगार पर उठी आशंकाओं का जवाब

आलोचकों की ओर से मांग-आधारित रोजगार के कमजोर होने की आशंका को शिवराज सिंह चौहान ने खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह बिल सरकार पर स्पष्ट कानूनी दायित्व डालता है। रोजगार को उत्पादक सार्वजनिक संपत्तियों के निर्माण से जोड़ा गया है, जिससे जल सुरक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचा और आजीविका के साधन मजबूत होंगे।

ग्राम सभाओं की भूमिका बरकरार

कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह योजना जबरदस्ती का केंद्रीकरण नहीं है। ग्राम सभाओं और पंचायतों की भूमिका को पहले की तरह बनाए रखा गया है, ताकि स्थानीय जरूरतों के अनुसार योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन हो सके।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून लागू

‘विकसित भारत जी राम जी’ बिल को 2005 के बाद ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम में सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन गया है, जिससे ग्रामीण रोजगार व्यवस्था में बड़े बदलाव का रास्ता साफ हो गया है।

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