Vijay Diwas 2025: देशभर में आज विजय दिवस मनाया जा रहा है। यह वह खास दिन है जब भारत के वीर जवानों ने 16 दिसंबर 1971 में पाकिस्तान को युद्ध में धूल चटाकर बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी। यह विजय दिवस 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने युद्ध के दौरान ड्यूटी पर जान गंवाने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शहीद सैनिकों को दिल से श्रद्धांजलि दी। उन्होंने X पर लिखा, “विजय दिवस पर, देश 1971 में निर्णायक जीत हासिल करने वाली भारतीय सशस्त्र सेनाओं को गर्व और कृतज्ञता के साथ नमन करता है। सेना, नौसेना और वायु सेना ने पूरे तालमेल से काम करते हुए इतिहास रचा और भारत के रणनीतिक संकल्प को दिखाया। उनकी वीरता, अनुशासन और लड़ने की भावना पीढ़ियों को प्रेरित करती है और राष्ट्रीय संकल्प को मजबूत करती है।”
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय ने X पर पोस्ट किया, "विजय दिवस पर, मैं 1971 के युद्ध के बहादुर नायकों और शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं। उनके सर्वोच्च बलिदान, अनुकरणीय साहस और मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण ने भारत को एक निर्णायक जीत दिलाई। राष्ट्र उनकी सेवा और बलिदान के लिए हमेशा आभारी रहेगा।"
जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी के कार्यालय ने X पर पोस्ट किया, "गहरे सम्मान और कृतज्ञता के साथ, हम विजय दिवस पर 1971 में भारत की निर्णायक जीत में हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य और सर्वोच्च बलिदान को याद करते हैं। उनकी बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।"
जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष सत शर्मा ने एक X पोस्ट में लिखा, "भारत माता के उन बहादुर सैनिकों को शत-शत नमन, जिन्होंने अपने अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान से 1971 के युद्ध में ऐतिहासिक जीत का एक गौरवशाली अध्याय लिखा।"
गौरतलब है कि 1971 के युद्ध में, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इस युद्ध में, 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस जीत ने दक्षिण एशिया का नक्शा भी बदल दिया और एक नए राष्ट्र, बांग्लादेश का जन्म हुआ। आज पूरा देश उस दिन को विजय दिवस के रूप में याद कर रहा है। भारत हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाता है, जिस दिन पूर्वी पाकिस्तान आजाद हुआ था और एक नया देश, बांग्लादेश बना था। यह तारीख ढाका में भारतीय सेना के सामने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण की भी याद दिलाती है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था।
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