Gaza Crisis: गाजा के हालात पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन चिंतिंत, भारत सरकार से की अपील

खबर सार :-
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गाजा में जारी मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि बेगुनाह लोगों की मौतों के खिलाफ आवाज उठाई जाए और वैश्विक समुदाय को इस अत्याचार को समाप्त करने के लिए एकजुट किया जाए। गाजा में अब तक 65,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, और यह स्थिति भयावह है।

Gaza Crisis: गाजा के हालात पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन चिंतिंत, भारत सरकार से की अपील
खबर विस्तार : -

चेन्नईः इजरायल और गाजा के मध्य चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इजराइल की सेना गाजा को पूरी तरह से नेस्तोनाबूद करके अपना कब्जा जाना चाहती है। इस युद्ध में मारे जाने वाले लोगों को लेकर दुनिया के कई देशों में लोग आवाज उठा रहे हैं। इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने गाजा में चल रहे मानवीय संकट पर चिंता जताई है। उन्होंने दुनियाभर के देशों से गाजा पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि गाजा में हालात बहुत खराब हैं, दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए।

सोशल मीडिया पर लिखी भावनात्मक पोस्ट

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावनात्मक पोस्ट में लिखा कि गाजा में हालात बहुत खराब हैं, दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए। मैं गाजा में हो रहे अत्याचारों से स्तब्ध हूं। हर दृश्य दिल दहलाने वाला है। बच्चों की चीखें, भूखे बच्चे, अस्पतालों पर बमबारी और संयुक्त राष्ट्र की जांच समिति द्वारा नरसंहार की घोषणा, यह सब उस पीड़ा को दर्शाता है, जो किसी भी इंसान को नहीं झेलनी चाहिए।

गाजा में 65,000 से अधिक की मौत

सीएम स्टालिन ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा, जब इस तरह बेगुनाह लोगों की जान जा रही है, तो चुप रहना विकल्प नहीं है। हर इंसान की अंतरात्मा को जागना होगा। भारत को मजबूती से बोलना चाहिए, दुनिया को एकजुट होना चाहिए और हम सबको मिलकर इस अत्याचार को अभी खत्म करना चाहिए। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायली हवाई हमलों और गोलीबारी में 65,000 से ज्‍यादा लोग मारे गए हैं।

वोल्कर तुर्क जताई थी आपत्ति

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने गाजा को 'कब्रिस्तान' बताते हुए इजरायली अधिकारियों की बयानबाजी पर आपत्ति जताई थी। वोल्कर तुर्क ने कहा था कि मैं वरिष्ठ इजरायली अधिकारियों द्वारा खुलेआम नरसंहार को लेकर की जा रही बयानबाजी और फिलिस्तीनियों के साथ किए गए शर्मनाक अमानवीय व्यवहार से खौफजदा हूं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल में हमास के अटैक के बाद युद्ध छिड़ा और अब लगभग दो साल बाद, 'यह क्षेत्र शांति की गुहार लगा रहा है।'

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