लखनऊ/मुंबई : महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच, शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह एक कैंटीन कर्मचारी की पिटाई करते दिख रहे हैं। यह एक विवाद बन गया है। महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है और अब एक शिवसेना विधायक का वीडियो सामने आया है, जिस पर भी विवाद हो गया है। दरअसल, शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने खराब खाना परोसने पर एक कैंटीन कर्मचारी की बुरी तरह पिटाई कर दी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है, जिसके चलते बुलढाणा सीट से एमएलए संजय गायकवाड़ विधायक गेस्टहाउस में ठहरे हुए हैं। इस दौरान संजय गायकवाड़ को सरकारी कर्मचारी कैंटीन की ओर से खराब दाल परोसी गई। शिवसेना विधायक ने इस पर नाराज़गी जताई और एक कैंटीन कर्मचारी की बुरी तरह पिटाई कर दी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें संजय गायकवाड़ बनियान पहने नज़र आ रहे हैं। अभी तक शिवसेना की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं दिया गया है।
जब संजय गायकवाड़ से इस घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि 'पूरे राज्य से लोग यहाँ खाना खाने आते हैं, मज़दूर, अधिकारी, सभी। चूँकि यह एक सरकारी कैंटीन है, इसलिए यहाँ खाने की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। मैं एक जनप्रतिनिधि हूँ, जब कोई लोकतांत्रिक भाषा नहीं समझता, तो मुझे उसे यही भाषा समझानी पड़ती है। मैंने उसे मराठी या हिंदी देखकर नहीं पीटा। मैंने संबंधित अधिकारियों से कई बार शिकायत की थी।'
संजय गायकवाड़ ने कहा कि 'मैं 30 साल से आकाशवाणी कैंटीन आ रहा हूँ और साढ़े पाँच साल से यहाँ रह रहा हूँ। मैंने बार-बार अनुरोध किया है कि वे अच्छा खाना दें, लेकिन अंडे 15 दिन पुराने होते हैं, नॉन-वेज 15-20 दिन पुराने होते हैं, सब्ज़ियाँ 2-4 दिन पुरानी होती हैं! यहाँ लगभग 5,000-10,000 लोग खाना खाते हैं, और सभी की एक ही शिकायत है। किसी के खाने में छिपकली मिली, किसी के खाने में चूहा मिला।' मैंने कल रात 10 बजे खाना ऑर्डर किया था, और पहला निवाला खाते ही मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है। सूंघने पर पता चला कि खाना बासी था।
मैं नीचे गया और खाना बनाने वाले मैनेजर से पूछा। मैंने सबके खाने को सूंघा और सबका खाना बासी लगा। मैंने उन्हें फिर समझाया कि उन्हें साफ़ और अच्छा खाना बनाना चाहिए। ज़हरीला खाना सेहत के लिए हानिकारक है, अगर वे फिर भी नहीं माने, तो मेरे पास उन्हें समझाने का अपना तरीका है। हर साल सरकार को हज़ारों शिकायतें मिलती हैं और मुझे समझ नहीं आता कि उन्हें नज़रअंदाज़ क्यों किया जाता है, उनकी जाँच क्यों नहीं होती? किचन में चूहे और गंदगी है। इसकी जाँच होनी चाहिए, लेकिन किसी को परवाह नहीं है। मैं इस पर कार्रवाई की माँग करता हूँ ताकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ न हो।
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