विदेश नीति को लेकर बयान पर विवाद, Sam Pitroda ने कहा, संवेदनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं था

खबर सार :-
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने "पाकिस्तान में घर जैसा महसूस हुआ" वाले अपने बयान पर सफाई दी है, कहा कि उनका उद्देश्य किसी की पीड़ा को नजरअंदाज करना नहीं था। भाजपा ने इसे राष्ट्रविरोधी बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे व्यक्तिगत राय करार दिया। विवाद के बीच विदेश नीति पर नई बहस छिड़ गई है।

विदेश नीति को लेकर बयान पर विवाद, Sam Pitroda ने कहा, संवेदनाएं आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं था
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता और ओवरसीज इंडियन कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) ने हाल ही में एक एजेंसी को दिए अपने बयान पर उठे विवाद को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। पाक यात्रा के अनुभव को “घर जैसा महसूस हुआ” कहने पर तीखी आलोचनाओं के बाद पित्रोदा ने सार्वजनिक रूप से अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका आशय किसी की पीड़ा को कमतर आंकना नहीं था।

पित्रोदा ने लिखा कि मेरे शब्दों को गलत संदर्भ में लिया गया

एक ऑनलाइन पोस्ट में पित्रोदा (Sam Pitroda) ने लिखा कि मेरे शब्दों को गलत संदर्भ में लिया गया। मेरा इरादा सिर्फ यह दिखाना था कि सांस्कृतिक रूप से दक्षिण एशियाई देशों की साझी विरासत है, और यह एक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास था, न कि संवेदनाओं को ठेस पहुंचाने का।

पित्रोदा ने यह भी कहा कि भारत की विदेश नीति में पड़ोसी देशों के साथ शांति और सहयोग प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विचार भारत की वैश्विक छवि को अधिक जिम्मेदार और व्यावहारिक दृष्टिकोण से पेश करने की दिशा में था।

कांग्रेस ने बयान को पित्रोदा की व्यक्तिगत राय बताया

भाजपा ने इस बयान को राष्ट्रविरोधी बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि इस तरह के विचार उन सैनिकों का अपमान हैं जो पाक प्रायोजित आतंकवाद के विरुद्ध लड़ रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस ने बयान को पित्रोदा की व्यक्तिगत राय बताया है और कहा है कि इसका पार्टी की आधिकारिक विदेश नीति से कोई लेना-देना नहीं।

इस प्रकरण ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस को जन्म दिया है, क्या ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव पर बात करना राष्ट्रविरोध है, या यह एक परिपक्व लोकतंत्र की पहचान?
 

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