बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा

खबर सार :-
कर्नाटक में एक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ के दौरान हुई मौतों के मामले में आयोजकों और पुलिस अधिकारियों की व्यवस्था पर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है।

बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा
खबर विस्तार : -

बेंगलुरु, बेंगलुरू में बीते दिनों हुई भगदड़ मामले में बुधवार को आरसीबी के विपणन प्रमुख निखिल सोसले पर अदालत को फैसला सुनाना था। निखिल सोसले ने अदालत में याचिका दायर कर रखी है। इसी मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है। आरसीबी के विपणन प्रमुख निखिल सोसले ने अंतरिम राहत मांगी थी। उनका कहना था कि बेंगलुरु भगदड़ के मामले में उनकी गिरफ्तारी अवैध थी। उच्च न्यायालय ने कल 12 जून तक अपना आदेश सुरक्षित रखा है। आज दोनों पक्षों ने न्यायालय के समक्ष अपनी दलीलें प्रस्तुत की थीं।

मार्केटिंग प्रमुख की अंतरिम राहत याचिका पर कर्नाटक हाईकोर्ट कल अपना फैसला सुनाएगी। भगदड़ में 11 लोगों की जान गई थी। इसके बाद सरकार की फजीहत हुई तो पुलिस अधिकारियों ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां शुरू की थी। आरसीबी के विपणन प्रमुख निखिल सोसले ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाए और याचिका दायर की थी। राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 226 के तहत मांगी गई राहत तब तक प्रभावी है, जब तक न्यायाधीश गिरफ्तारी को अवैध घोषित न कर दे। महाधिवक्ता ने कहा कि हमारी ओर से पेश किए गए तथ्यों से स्पष्ट है कि गिरफ्तारी की वैधता पर विचार हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान गिरफ्तारी से नहीं जोड़ा जा सकता है।

भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार माना गया है। इस घटना में 11 लोगों की जान चली गई। शेट्टी का तर्क है कि गिरफ्तारी अवैध है। इस मामले में डब्ल्यूएचपीसी ही स्वीकार्य है। महाधिवक्ता ने बताया कि सोसले उनकी हिरासत में नहीं हैं। वह न्यायिक हिरासत में है। भगदड़ में 11 लोगों की मौत के एक दिन बाद कार्रवाई में तेजी देखी गई थी। सरकार की फजीहत होने पर कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद सहित कई आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। 
 

अन्य प्रमुख खबरें