Radhika Pandey : प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, नीति शोधकर्ता और लेखिका राधिका पांडे अब हमारे बीच नहीं रहीं। 46 वर्ष की आयु में नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (ILBS) में लिवर प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद शनिवार, 28 जून को उन्होंने अंतिम सांस ली। यह दुखद है कि लिवर प्रत्यारोपण के लिए जो सर्जरी की गई वह सफल न हो पाई और यही उनकी मृत्यु का कारण भी बनी।
राधिका पांडे, एक प्रतिभाशाली अर्थशास्त्री थी। पहले वह टाइफाइड से पीड़ित हुईं थी। इस बीमारी ने उनके लिवर को प्रभावित किया। इसके बाद उन्हें पीलिया की शिकायत भी हो गई। इलाज के लिए उन्हें नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (ILBS) में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में राधिका पांडे की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी। उनके बेटे कनिष्क ने अपनी माँ को बचाने के लिए अपने लिवर का एक हिस्सा दान किया। हालांकि, यह सर्जरी सफल नहीं हो पाई और शनिवार की सुबह तक उनका निधन हो गया।
वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका पांडे ने अपनी 12वीं की शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके पश्चात, उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने जोधपुर को चुना और जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (JNMV) से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और फिर डॉक्टरेट (पीएच.डी.) की उपाधि अर्जित की।
डॉ. राधिका पांडे ने अपने करियर का आगाज़ जोधपुर के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (National Law University, Jodhpur) से किया। साल 2008 में, वह प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) से जुड़ीं, जहाँ उन्होंने एक एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर योगदान दिया। वे 20 वर्षों से अधिक के अनुभव वाली एक कुशल मैक्रोइकॉनोमिस्ट थीं, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को समझने और उसे दिशा देने में अहम भूमिका निभाई।
डॉ. राधिका पांडे को मौद्रिक और वित्तीय क्षेत्र में उनके शोध के लिए जाना जाता था। उन्होंने कई सरकारी समितियों और समूहों में सक्रिय योगदान दिया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) में, राधिका एक विशाल टीम का नेतृत्व करती थीं, जो केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करती थी। इसके अतिरिक्त, उनमें लोगों से जुड़ने की अद्भुत क्षमता भी थी, जो उनके पेशेवर जीवन में एक महत्वपूर्ण गुण था।
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