राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही, सबरीमाला हेलीपैड पर धंसे हेलीकॉप्टर के पहिए

खबर सार :-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सबरीमाला यात्रा के दौरान हेलीपैड की अधूरी तैयारी के कारण हेलीकॉप्टर के पहिए जमीन में धंस गए। हेलीपैड पर रातों-रात कंक्रीट डाली गई थी, जो पूरी तरह सूखी नहीं थी। खुफिया विभाग की चेतावनी के बावजूद लैंडिंग कराई गई, जिससे सुरक्षा में भारी चूक सामने आई।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही, सबरीमाला हेलीपैड पर धंसे हेलीकॉप्टर के पहिए
खबर विस्तार : -

केरल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सबरीमाला यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा में एक गंभीर और चिंताजनक चूक सामने आई है। बुधवार सुबह जब राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर केरल के सबरीमाला में अस्थायी रूप से बनाए गए हेलीपैड पर उतरा, तब अचानक उसके पहिए गीली ज़मीन में धंस गए। यह घटना उस समय घटी जब हेलीपैड का निर्माण कार्य मात्र कुछ घंटों पहले ही पूरा किया गया था और उसका कंक्रीट पूरी तरह से सूखा भी नहीं था।

हेलीपैड निर्माण में लापरवाही

सूत्रों के अनुसार, हेलीपैड का निर्माण निर्णय मंगलवार (21 अक्टूबर) की शाम को ही किया गया था। पायलटों के निर्देश पर रातों-रात हड़बड़ी में हेलीपैड पर कंक्रीट बिछाई गई और बुधवार सुबह तक उसे राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर के उतरने योग्य बनाने की कोशिश की गई। लेकिन कंक्रीट का मिश्रण पूरी तरह सूखा नहीं था, जिससे वह वजन सहन नहीं कर पाया और हेलीकॉप्टर के पहिए ज़मीन में धंस गए।

चेतावनी को किया गया नजरअंदाज

सबसे चिंताजनक तथ्य यह रहा कि राज्य खुफिया विभाग ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि हेलीपैड का कंक्रीट अभी मजबूत नहीं हुआ है और वहां हेलीकॉप्टर की लैंडिंग सुरक्षित नहीं होगी। इसके बावजूद इस चेतावनी की अनदेखी की गई। सुरक्षा एजेंसियों की इस चूक ने राष्ट्रपति की जान को खतरे में डाल दिया। राष्ट्रपति सचिवालय और स्थानीय प्रशासन के बीच यात्रा के मार्ग को लेकर भी अंतिम समय तक भ्रम की स्थिति रही। सुबह 4 बजे तक तय नहीं था कि राष्ट्रपति का काफिला सड़क मार्ग से जाएंगा या हवाई मार्ग से। पहले तिरुवनंतपुरम से पंपा तक सड़क मार्ग से यात्रा की संभावना थी और इसी को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

सौभाग्यवश कोई हानि नहीं

गनीमत रही कि इस घटना में किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई और हेलीकॉप्टर को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन इस चूक ने सुरक्षा प्रोटोकॉल की गंभीर अनदेखी को उजागर कर दिया है। इस पूरी घटना ने वीवीआईपी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राष्ट्रपति देश की सर्वाेच्च संवैधानिक पदाधिकारी हैं और उनकी सुरक्षा में किसी भी स्तर पर हुई लापरवाही बेहद निंदनीय है। घटना के बाद उच्चस्तरीय जांच की मांग उठ रही है, ताकि दोषियों की पहचान की जा सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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