प्रयागराजः प्रयागराज में पढ़ाई के साथ आईएएस की तैयारी कर रहे छात्र को लड़की बनने का ऐसा शौक लगा कि वह स्वयं ही सर्जिकल ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट डाला और जब दर्द बढ़ गया तो चीखने चिल्लाने लगा। चीख पुकार सुनकर मकान मालिक लोगों के सहयोग से अस्पताल ले गये जहां डॉक्टरों के अथक प्रयास से देर शाम उसकी हालत में सुधार के बाद स्थिर बनी हुई है। खबर सुनकर अमेठी से आये छात्र के परिजनो का रो रोकर बुरा हाल है क्योंकि छात्र एकलौती संतान है।
अमेठी जनपद के एक गांव से प्रयागराज में पढ़ाई के साथ आईएएस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षओं की तैयारी के लिये आया छात्र शहर के पास इलाके सिविल लाइंस में कमरा लेकर रह रहा है। 18 वर्षीय छात्र अभी इंटर पास है उसके पिता सम्पन्न किसान है। छात्र को पिछले चार पांच सालों से लड़की बनने का शौक लगा था इसके लिये वह गूगल, यू-ट्यूब और अन्य माध्यमों से लगातार उपाय खोज रहा था। कुछ दिन पहले उसका सम्पर्क किसी झोला छाप डाक्टर से हुआ तो उसने उसे गुप्तांग काटने का तरीका बताया।
छात्र ने मेडीकल स्टोर से एनेस्थीसिया, सर्जिकल ब्लेड, काटन, पट्टी, पेनकिलर दवायें आदि आवश्यक सामग्री खरीद लाया और दो दिन पहले स्वयं एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा कर ब्लेड से गुप्तांग काट डाला और पट्टी बांध लिया। जबतक एनेस्थीसिया का असर था तब तक आराम था लेकिन उसका असर खत्म होने के बाद तेज दर्द होने पर छात्र ने चीख पुकार मचा दी। मकान मालिक ने अन्य लोगों के सहयोग से उसे पहले टी बी सप्रू अस्पताल ले गये जहां से डाक्टरों ने उसे स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय रिफर कर दिया। छात्र को गम्भीर हालत में भर्ती किया गया है। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के सर्जन डॉक्टर संतोष सिंह ने मीडिया को बताया कि छात्र की हालत ठीक है, आवश्यक दवायें और ड्रेसिंग की गई है, आवश्यकता पड़ने पर प्राइवेट पार्ट की प्लास्टिक सर्जरी करनी पड़ सकती है।
प्राइवेट पार्ट काट कर अपना जीवन बर्बाद करने वाला छात्र मां-बाप की इकलौती संतान है। सीबीएससी बोर्ड से इंटर करने के बाद घरवालों ने उसे अच्छी पढ़ाई और आईएएस बनाने का सपना पाल कर प्रयागराज भेजा था। मामले की सूचना पाकर अस्पताल पहुंचे घर वाले अपने बेटे की इस अजीबोगरीब कारनामें से दुखी होकर रो रहे थे। उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था, सबसे कह रहे थे कि आईएएस बनने भेजा लेकिन सब बर्बाद हो गया।
अस्पताल में आराम मिलने के बाद पूछताछ में छात्र ने बताया कि उसने चार पांच वर्ष पहले जब एक शादी में लड़कियों को डांस करते देखा तो लगा कि लड़की बनने पर ज्यादा अच्छे ढंग से सजा-सवंरा जा सकता है। वह तभी से लड़की बनने का प्रयास करता रहा परन्तु कहीं तरीका नहीं मिल रहा था। गम्भीर हालत में भर्ती छात्र को अब अपने लड़की बनने का आभास हो रहा है।
छात्र के इस अजीब कारनामें से स्थानीय चिकित्सक भी हैरान है। डाक्टरों ने बताया कि यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति को लगता है कि वह लड़की है और उसी के अनुरूप रहने का प्रयास करता है। चिकित्सा विज्ञान में इसे जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर कहा जाता है।
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