RSS के 100वें वर्ष पर पीएम मोदी समेत तमाम दिग्गजों ने दी बधाई

खबर सार :-
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को उसकी 100वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। एक लेख में उन्होंने संघ को 'राष्ट्रवाद की अमर भावना का एक आशीर्वाद स्वरूप' बताया। मोदी ने राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण और 'राष्ट्र प्रथम' के संघ के मुख्य सिद्धांतों की प्रशंसा की।

RSS के 100वें वर्ष पर पीएम मोदी समेत तमाम दिग्गजों ने दी बधाई
खबर विस्तार : -

100 Years of RSS:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 साल पूरे होने उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कई अन्य लोगों ने बधाई दी है। उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "संघ की शताब्दी के इस ऐतिहासिक अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा इसकी स्थापना के बाद से, संघ ने युवाओं में मजबूत चरित्र और निस्वार्थ सेवा की भावना को बढ़ावा दिया है। 

'सेवा परम धर्म है' के सिद्धांत से प्रेरित होकर, इसके स्वयंसेवक बाढ़, सूखे, भूकंप या किसी अन्य आपदा के समय बिना किसी दबाव के समाज की सेवा करते हैं। संघ अपनी सेवा में धर्म, जाति या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करता, और यह राष्ट्र के लिए एक अमूल्य योगदान है।"

100 Years of RSS:  पीएम मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का प्रेरक संबोधन राष्ट्र निर्माण में संघ के समृद्ध योगदान को दर्शाता है। उन्होंने संघ के वैश्विक महत्व पर जोर दिया और इसे भारत की आंतरिक क्षमता और गौरव तथा नए मुकाम हासिल करने की उसकी क्षमता से जोड़ा।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नागपुर में विजयादशमी समारोह में शामिल हुए और विजयाददशमी और शताब्दी समारोह पर सभी स्वयंसेवकों और संघ परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 2047 तक एक विकसित, सौहार्दपूर्ण और एकजुट भारत बनाने में संघ का योगदान महत्वपूर्ण होगा। साधुगुरु ने संघ को देशभक्ति का प्रतीक बताया और कहा कि संघ ने भारत के कठिन समय में चुपचाप सेवा और बलिदान के माध्यम से समाज को एकजुट किया है। उन्होंने संघ को 100 साल पूरे होने पर बधाई दी।

1925 में विजयादशमी पर हुई थी संघ की स्थापना

उल्लेखनीय है कि संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में हुई थी। तब से संघ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रहा है और इसके स्वयंसेवकों की सेवा भावना ने इसे विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बना दिया है।

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